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मेथनॉल अर्थव्यवस्था को दो लाख करोड़ पर लाएगी सरकार

नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार मौजूदा 11,000 करोड़ रुपये की मेथनॉल अर्थव्यवस्था को अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये करना चाहती है।

02:21 PM Dec 22, 2018 IST | Desk Team

नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार मौजूदा 11,000 करोड़ रुपये की मेथनॉल अर्थव्यवस्था को अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये करना चाहती है।

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार मौजूदा 11,000 करोड़ रुपये की मेथनॉल अर्थव्यवस्था को अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये करना चाहती है। इसके माध्यम से सरकार का लक्ष्य स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करना है।

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गडकरी ने यहां इलेक्ट्रिक एक्सपो का उद्घाटन करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के विनिर्माता चीन से सस्ते कलपुर्जों का आयात कर अपनी गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं करें। उन्होंने कहा कि देश में अब बिजली का अधिशेष है और हमारे पास कोयला एवं सौर ऊर्जा भी पर्याप्त मात्रा में है।

सरकार का प्रयास इलेक्ट्रिक वाहनों समेत प्रदूषण मुक्त, लागत प्रभावी वाहन विकल्पों के आयात का प्रसार करना है। गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 11,000 करोड़ रुपये की मेथनॉल अर्थव्यवस्था को पांच साल में डेढ़ से दो लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाएं।

उन्होंने कहा इस्राइल में मेथनॉल 12 रुपये प्रति लीटर पड़ता है, चीन में 16 रुपये और भारत में 22 रुपये प्रति लीटर जो पेट्रोल एवं डीजल से कई गुना सस्ता है। गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में पिछले एक साल में बदलाव आया है।

ई-ऑटोरिक्शा और ई-बाइक बाजार में होने अलावा ई-रिक्शा देश के लगभग हर कोने में पहुंच गया है। कच्चे तेल के आयात पर देश को बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी होती है।

हमें इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारी इकाई वैपकॉस ने ऑस्ट्रिया के डूपलरमायर समूह के साथ गठजोड़ किया है। इससे सरकार को पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे के माध्यम से परिवहन सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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