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काष्ठ आधारित उद्योगों के विनियमन के लिए नया विधेयक लायेगी सरकार : सुशील कुमार मोदी

विकास परियोजनओं के दौरान पेड़ों की कम से कम कटाई हो, दूसरी जगहों पर उखाड़ कर लगाया जाए, इसके लिए सरकार ने एक नीति बनाई है।

07:42 PM Jan 31, 2020 IST | Desk Team

विकास परियोजनओं के दौरान पेड़ों की कम से कम कटाई हो, दूसरी जगहों पर उखाड़ कर लगाया जाए, इसके लिए सरकार ने एक नीति बनाई है।

पटना : मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित 2020-21 की बजट पूर्व परिचर्चा की पहली बैठक में वन, वानिकी एवं पर्यावरणीय प्रक्षेत्र से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के सुझाव सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विधान मंडल के आगामी सत्र में काष्ठ आधारित उद्योगों को विनियमित करने के लिए सरकार एक नया विधेयक ला रही है। अन्य उद्योगों की तरह काष्ठ उद्योग स्थापित करने वालों को भी रियायत देने पर विचार किया जा रहा है। 2005-06 में वन विभाग का बजट जहां मात्र 50 करोड़ था वहीं 2019-20 में 911 करोड़ हो गया है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले 3 साल में वन विभाग की ओर से 2,756 करोड़ खर्च किए जायेंगे एवं 7.70 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य है।
 
श्री मोदी ने कहा कि कृषि वानिकी के तहत 2012-18 के बीच बिहार में पोपुलर व अन्य प्रजातियों के 8.46 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। पोपुलर के परिपक्व पेड़ों को खरीद कर दूसरे राज्यों में ले जाने वालों को सरकार आवश्यक सहूलियत देगी। बिहार में जैव विविधता बोर्ड के साथ ही विगत साल 27 दिसम्बर को 5 हजार से ज्यादों पंचायतों में उसकी प्रबंधन समिति गठित कर ली गयी है। विकास परियोजनओं के दौरान पेड़ों की कम से कम कटाई हो, दूसरी जगहों पर उखाड़ कर लगाया जाए, इसके लिए सरकार ने एक नीति बनाई है।  
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत इस साल पृथ्वी दिवस (9 अगस्त) के दिन 2.51 करोड़ पौधारोपण किया जायेगा। इसके लिए 1,794 सरकारी नर्सरी में 4.69 करोड़ पौधे तैयार किए जा रहे हैं। हर पंचायत में 2,200 पौधा लगाने की अभी से ही व्यापक तैयारी की जा रही है।
नर्सरी संचालकों को बाहर भेजकर तथा किसानों को पौधारोपण की प्रशिक्षण देने, स्थानीय निजी नर्सरी से पौधों की खरीद व बांस की खेती को बढ़ावा देने के सुझाव पर सरकार विचार करेगी। कृषि वानिकी के तहत किसानों को पौधे मुफ्त में नहीं बल्कि 10 रुपया प्रति पौधा सुरक्षा निधि लेकर दिया जायेगा और तीन साल बाद सुरक्षा निधि के अतिरिक्त पौधे की जीविता के आधार पर उन्हें 60 रुपये दिए जायेंगे।
परिचर्चा में काष्ठ आधारित उद्योग, नर्सरी, कृषि वानिकी, ,ईको टूरिज्म, पर्यावरण, जैव विविधता, वन्यजीव संरक्षण व स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े करीब 50 प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव व विचार साझा किए। वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ व वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के दीपक कुमार सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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