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राष्ट्रपति को नीट विधेयक न भेजकर तमिलनाडु की जनता की तौहीन कर रहे राज्यपाल : स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल आर एन रवि का सदन द्वारा पारित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट संबंधित विधेयक को राष्ट्रपति को न भेजना न सिर्फ अनुपयुक्त है बल्कि यह सदन और राज्य की जनता का भी अपमान है।

03:23 PM Apr 18, 2022 IST | Desk Team

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल आर एन रवि का सदन द्वारा पारित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट संबंधित विधेयक को राष्ट्रपति को न भेजना न सिर्फ अनुपयुक्त है बल्कि यह सदन और राज्य की जनता का भी अपमान है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल आर एन रवि का सदन द्वारा पारित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट संबंधित विधेयक को राष्ट्रपति को न भेजना न सिर्फ अनुपयुक्त है बल्कि यह सदन और राज्य की जनता का भी अपमान है।
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तमिलनाडु विधानसभा ने इस विधेयक को पारित करके राज्यपाल के पास भेजा था लेकिन उन्होंने इसे पुनर्विचार के लिये सदन में वापस भेज दिया। सदन ने दोबारा इस विधेयक को पारित करके राज्यपाल को भेजा ताकि वे इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजें लेकिन मुख्यमंत्री का आरोप है कि आर एन रवि दो माह से भी अधिक समय के बाद भी इसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेज रहे हैं।
स्टालिन ने सदन में कहा कि विधेयक को आर एन रवि के पास दोबारा भेजे हुये 70 दिन बीत गये लेकिन यह विधेयक राज्यपाल के कार्यालय में धूल फांक रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में राज्यपाल को पत्र लिखा है और उन्हें जरूरी स्पष्टीकरण दिया गया है। स्टालिन ने कहा कि मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि राज्यपाल यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल द्वारा आयोजित टी पार्टी का बहिष्कार किया गया क्योंकि इस पार्टी में शामिल होना राज्य के करीब साढ़े सात करोड़ लोगों का अपमान करना था। स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के साथ उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है और उनके बीच मधुर संबंध हैं। उन्होंने कहा,”वह अच्छे इंसान हैं। वह हमें बहुत सम्मान देते हैं और राज्यपाल के रूप में उनके पद का हम भी पर्याप्त सम्मान करते हैं। उन्हें यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिये क्योंकि ऐसा न करना सदन का अपमान है।” गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभा ने राज्य को नीट के दायरे से बाहर रखने के लिये यह विधेयक पारित किया था।
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