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लंगर पर GST के मुद्दे पर मोदी सरकार कर रही गुमराह - आप

आप पंजाब ने केंद्र आरोप लगाया कि श्री दरबार साहिब समेत श्री दुर्गयाणा मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों के लंगर की GST माफ करने को लेकर मोदी सरकार गुमराह कर रही है

09:17 PM Jun 07, 2018 IST | Desk Team

आप पंजाब ने केंद्र आरोप लगाया कि श्री दरबार साहिब समेत श्री दुर्गयाणा मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों के लंगर की GST माफ करने को लेकर मोदी सरकार गुमराह कर रही है

आप की पंजाब ने आज इकाई ने आज केंद्र की सेवा भोज योजना पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि श्री दरबार साहिब समेत श्री दुर्गयाणा मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों के लंगर की सेवा पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) माफ करने को लेकर मोदी सरकार गुमराह कर रही है।

आप ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल से इस्तीफे की मांग भी की।

आप के सूबा सह-प्रधान डा. बलबीर सिंह ने यहां जारी बयान में मीडिया और सोशल मीडिया में लंगर की सेवा पर जीएसटी संबंधी किए जा रहे खुलासों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को भी चुप्पी तोड़ने और स्थिति स्पष्ट करने को कहा। आप नेता ने कहा कि लंगर पर जीएसटी का मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (ऐसजीपीसी) से ज्यादा केंद, और प्रदेश सरकार के साथ संबंधित है, जहां सूबा सरकार ने अपने हिस्से की जीएसटी छोड़ दी है, जो कि अभी लागू होना बाकी है, फिर भी स्वागत योज्ञ कदम है, वहीं सूबा सरकार का यह फर्ज भी बनता है कि वह इस मुद्दे के बारे में पैदा हुए असमंजस को बिना देरी खत्म करे और केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुए पत्रों को कानूनी नुक्ते के लिहाज के साथ पारिभाषित करे।

डा. सिंह ने केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से 31 मई 2018 को सेवा भोज योजना के अंतर्गत धर्मादा धार्मिक संस्थाओं को कुछ विशेष वस्तुओं /सामग्री के लिए आर्थिक सहायता देने संबंधित जारी हुई चिट्ठी के बारे में भी केंद्र सरकार, हरसिमरत कौर बादल और पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

उन्होंने पूछा कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से पंजाब और केंद, सरकार के अलग-अलग विभागों को जारी किये इस पत्र का श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गयाना मंदिर समेत अन्य गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों, गिर्जों में चलाए जाते‘लंगर की सेवा’और जीएसटी के साथ क्या संबंध है? यह भी सवाल किया कि यदि यह पत्र सचमुच लंगर की सेवा और जीएसटी के साथ संबंधित है तो इस को सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से क्यों जारी किया गया है? क्या श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गयाना मंदिर समेत अन्य धार्मिक समितियों-संस्थाओं का संबंध केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के साथ है? डा। बलबीर सिंह ने एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल से अपील की है कि इस समूचे मसले पर एसजीपीसी का रुख स्पष्ट करते हुए संगत को इस असमंजस की स्थिति से निजात दिलाएं।

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