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सभी मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए सरकार तैयार, किसानों को पत्र लिखकर फिर दिया बातचीत का न्यौता

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फिर लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आंदोलनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए सरकार तत्पर है।

04:00 PM Dec 24, 2020 IST | Ujjwal Jain

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फिर लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आंदोलनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए सरकार तत्पर है।

सभी मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए सरकार तैयार  किसानों को पत्र लिखकर फिर दिया बातचीत का न्यौता
केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसान संगठनों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान करने की तत्परता जाहिर की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फिर लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आंदोलनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए सरकार तत्पर है। इस पत्र के माध्यम से सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुधवार को लिखे गए पत्र का जबाव दिया है। 
सकारात्मक रुख के साथ चाहते है वार्ता 
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने गुरुवार को लिखे इस पत्र में अपने पूर्व पत्र का हवाला देते हुए कहा कि, “आंदोलनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए सभी मौखिक और लिखित मुद्दों पर सरकार सकारात्मक रुख अपनाते हुए वार्ता करने के लिए तैयार है।”
पत्र में किसान संगठनों के नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “देश के समस्त किसान संगठनों के साथ वार्ता का रास्ता खुला रखना आवश्यक है। देश के अनेक स्थापित किसान संगठनों और किसानों की आदरपूर्वक बात सुनना सरकार का दायित्व है। सरकार इनसे इनकार नहीं कर सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत आंदोलनकारी समस्त किसान यूनियनों के साथ सरकार द्वारा बहुत ही सम्मानजनक तरीके से और खुले मन से कई दौर की वार्ता की गई है और आगे भी आपकी सुविधा अनुसार वार्ता करने की कोशिश है।”
26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटें है किसान 
मालूम हो कि संसद के मानसून सत्र में कृषि से जुड़े तीनों अध्यादेशों से संबंधित तीन अहम विधेयकों संसद में पेश किए गए और दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद इन्हें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू किए गए। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में किसान इन तीनों कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। 
सरकार ने किसानों से क्या कहा 
केंद्र सरकार ने पूर्व में किसानों को इन काूननों में संशोधन के जो प्रस्ताव दिए उनमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 से संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा उठाए गए सवाल पर केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा है कि तीन दिसंबर को हुई वार्ता के दौरान जितने भी मुद्दे चिन्हित किए गए थे, उन सभी मुद्दों के संबंध में लिखित प्रस्ताव दिया गया था। फिर भी दिनांक 20 दिसंबर को लिखे पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि कोई और भी मुद्दा हो तो सरकार उस पर भी वार्ता करने को तैयार है। 
वार्ता के लिए सरकार ने समय और तिथि मांगी 
अधिकारी ने किसान नेताओं से अगले दौर की वार्ता के लिए समय और तिथि बताने का आग्रह करते हुए कहा है कि सरकार साफ नीयत और खुले मन से आंदोलन को समाप्त करने और मुद्दों पर वार्ता करती रही है और आगे भी तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं से कहा कि वे जिन अन्य मुद्दों पर बात करना चाहते हैं उनका विवरण दें। उन्होंने कहा है कि यह वार्ता किसान नेताओं के सुझाव पर तय तिथि एवं समय के अनुसार विज्ञान-भवन में मंत्री स्तरीय समिति के साथ आयोजित की जाएगी। 

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