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मुम्बई में CAA-NRC-NPR के खिलाफ महामोर्चा

मुम्बई के आजाद मैदान में शनिवार को उर्दू कवि फैज अहमद की लोकप्रिय कविता ‘हम देखेंगे’ के पाठ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी के बीच बडी संख्या में महिलाओं समेत हजारों लोगों ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर व्यवस्था के खिलाफ आह्वान दिया।

03:23 PM Feb 15, 2020 IST | Shera Rajput

मुम्बई के आजाद मैदान में शनिवार को उर्दू कवि फैज अहमद की लोकप्रिय कविता ‘हम देखेंगे’ के पाठ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी के बीच बडी संख्या में महिलाओं समेत हजारों लोगों ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर व्यवस्था के खिलाफ आह्वान दिया।

मुम्बई के आजाद मैदान में शनिवार को उर्दू कवि फैज अहमद की लोकप्रिय कविता ‘हम देखेंगे’ के पाठ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी के बीच बडी संख्या में महिलाओं समेत हजारों लोगों ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर व्यवस्था के खिलाफ आह्वान दिया। 
‘नेशनल एलायंस एगेंस्ट द सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट (सीएए), प्रोपोज्ड नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) एंड नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर)’ की महाराष्ट्र इकाई ने इस ‘महा-मोर्चा’ प्रदर्शन का आयोजन किया था। 
मुम्बई के विभिन्न हिस्सों, नवी मुम्बई, ठाणे जैसे उपनगरीय क्षेत्रों और महराष्ट्र के अन्य हिस्सों से लोग इस प्रदर्शन में पहुंचे थे। 
तिरंगा लहराते हुए और सीएए-एनआरसी-एनपीआर की निंदा करने वाली तख्तियां अपने हाथों में लिये प्रदर्शनकारियों ने ‘मोदी, शाह से आजादी’ सीएस और एनआरसी से आजादी’ जैसे नारे लगाये। 
प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए (एनपीआर या ऐसे किसी अन्य कवायद के दौरान) दस्तावेज नहीं दिखाने का संकल्प लिया कि वे अनादि काल से भारत के नागरिक हैं। 
इस मौके पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किये गये। उन्होंने मांग की कि संसद के सत्र में इस नये नागरिकता कानून को वापस लिया जाए। 
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