Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

इस साल 13 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकता है GST संग्रहण : पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने वित्त सचिव हसमुख अधिया को इस बात का विकल्प तलाशने को कहा कि क्या कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारी सालाना रिटर्न दायर कर सकते हैं।

04:59 PM Jul 01, 2018 IST | Desk Team

पीयूष गोयल ने वित्त सचिव हसमुख अधिया को इस बात का विकल्प तलाशने को कहा कि क्या कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारी सालाना रिटर्न दायर कर सकते हैं।

पीयूष गोयल ने आज विश्वास व्यक्त किया कि चालू वित्त वर्ष में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 13 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा और राजस्व प्राप्ति बढ़ने के साथ ही कर दरों को ज्यादा तर्कसंगत बनाने की गुंजाइश बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कर दायरे में अधिक लोगों के जुड़ने और ई-वे बिल के सफल क्रियान्वयन से कर की दरों को तार्किक बनाने का अवसर मिलेगा।

देश में एक जुलाई 2017 से शुरू की गई जीएसटी व्यवस्था के तहत चार मुख्य दरें रखीं गईं हैं। इसमें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से विभिन्न वस्तुओं पर कर लगाया जाता है। सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर के ऊपर विलासिता के सामान और सिगरेट, तंबाकू जैसी अहितकर वस्तुओं पर उपकर भी लगाया जाता है।

पीयूष ने जीएसटी दिवस समारोह में कहा , “मेरा विश्वास है कि मासिक जीएसटी संग्रह 1.10 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा और मुझे लगता है कि इस वित्त वर्ष (2018- 19) में जीएसटी से 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा।” जीएसटी व्यवस्था लागू होने के पहले साल 2017- 18 में सरकार को कुल 7.41 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई।

इस लिहाज से जुलाई से लेकर मार्च तक के नौ माह में औसत जीएसटी प्राप्ति 89,885 करोड़ रुपये रही। इस वित्त वर्ष में अप्रैल में जीएसटी संग्रह 1.03 लाख करोड़ रुपये के रिकार्डस्तर पर पहुंच गया, इसके बाद मई में यह 94,106 करोड रुपये और जून में 95,610 करोड़ रुपये रहा।

 पीयूष गोयल ने कहा कि अप्रैल से जून तक के तीन महीनों में कर संग्रह ऐतिहासिक रूप से कम रहता आया है। पहले की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में इन तीन महीनों के दौरान कुल कर संग्रह का 7.1 प्रतिशत ही कर संग्रह हुआ करता था। अत : मई-जून में 94-95 हजार करोड़ रुपये का कर संग्रह सुनने में अच्छा लग रहा है।

पीयूष गोयल ने कहा , ‘‘ईमानदार एवं पारदर्शी कर व्यवस्था में अधिक लोगों के जुड़ते जाने और ई – वे बिल प्रणाली की सफलता से हम कर की दरों को तार्किक बनाने की बेहतर स्थिति में होंगे। देश के सामाजिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए कर की विभिन्न दरें रखीं गयी। क्या यह उचित होगा कि लग्जरी कारों और गरीब लोगों के आम इस्तेमाल की चीजों पर बराबर कर लगे ?’’

मंत्री ने वित्त सचिव हसमुख अधिया को इस बात का विकल्प तलाशने को कहा कि क्या कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारी सालाना रिटर्न दायर कर सकते हैं। अभी इन्हें तिमाही आधार पर रिटर्न दायर करनी होती है। छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमी जीएसटी के तहत एकमुश्त कर भुगतान की कंपोजीशन स्कीम को अपना सकते हैं। इसमें व्यापारियों और विनिर्माताओं के लिये एक प्रतिशत कर की दर है जबकि रेस्त्रां आदि के लिये पांच प्रतिशत की एकमुश्त दर रखी गई है।

जीएसटी परिषद ने पिछले साल ही कंपोजीशन स्कीम के तहत आने वाले व्यवासायियों के लिये कारोबार सीमा को 1.5 करोड़ रुपये कर दिया था। इसके साथ ही कानून में संशोधन कर सांविधिक सीमा को दो करोड़ रुपये करने का भी फैसला किय। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय जल्दी ही एक ऐसी प्रणाली बनाएगा जहां कारोबारी हर महीने जीएसटी से संबंधित समस्याओं पर राजस्व अधिकारी से बातें कर सकेंगे।

वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि अब छोटे व्यापारी भी कर प्रणाली से जुड़ रहे हैं और कर का भुगतान कर रहे हैं। शुरू में जीएसटी को लेकर काफी संशय था लेकिन अब इसकी सराहना हो रही है। जीएसटी दर के बारे में उन्होंने कहा कि जीएसटी की 28 प्रतिशत की सबसे ऊंची दर में अब केवल 49 वस्तुयें ही रह गई हैं जबकि करीब 141 वस्तुओं पर कोई कर नहीं लग रहा है।

Advertisement
Advertisement
Next Article