GST स्लैब में बदलाव के बाद भी दुकानदारों ने नहीं कम किए दाम! सरकार के पास आईं 3000 से अधिक शिकायतें
GST Misleading Complaints: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में जीएसटी प्रणाली में अहम बदलावों को मंजूरी दी है। ये नए नियम 22 सितंबर 2025 से लागू हो चुके हैं। सरकार ने इन बदलावों को आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से लागू किया, लेकिन इसके बाद उपभोक्ताओं की तरफ से हजारों शिकायतें सामने आई हैं।
GST 2.0 Compalint Portal: शिकायतों में हुआ इजाफा
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) को अब तक 3,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ये शिकायतें मुख्य रूप से उन मामलों से जुड़ी हैं जहां दुकानदारों और कंपनियों ने टैक्स दरों में कमी का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया। इन सभी शिकायतों को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है।
National Consumer Helpline: सरकार की निगरानी व्यवस्था हुई सख्त
सरकार ने टैक्स कटौती का फायदा उपभोक्ताओं तक न पहुंचाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर अपनी निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया है। मंत्रालय का कहना है कि कुछ विक्रेता भ्रामक तरीकों का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं से ज्यादा पैसा वसूल रहे हैं, जबकि दरें पहले ही घट चुकी हैं।

GST 2.0 Scam: AI और चैटबॉट्स का सहारा
निधि खरे ने यह भी जानकारी दी कि मंत्रालय अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और चैटबॉट टेक्नोलॉजी की मदद से शिकायतों का विश्लेषण कर रहा है। इससे यह पता लगाने में आसानी हो रही है कि किन सेक्टरों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी हो रही है।

GST Misleading Complaints: GST दरों में कटौती का लाभ नहीं दे रहे कई रिटेलर
शिकायतों का मुख्य कारण यह है कि कई खुदरा विक्रेता (Retailers) जीएसटी में हुई कटौती का सीधा लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुँचा रहे हैं। इससे उपभोक्ता ठगा महसूस कर रहे हैं और बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।

क्या है GST?
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे 1 जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू किया गया था। यह टैक्स केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लिए जाने वाले कई अलग-अलग करों की जगह लाया गया था। जीएसटी को संविधान के 122वें संशोधन के तहत लागू किया गया। आज दुनिया के 150 से भी ज्यादा देशों में जीएसटी जैसा टैक्स सिस्टम लागू है।
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