बड़ी बचत या घाटा! Health Insurance पर 18% GST हटने से आम लोगों पर क्या पड़ेगा असर?
GST on Health Insurance: केंद्र सरकार ने आज यानी 22 सितंबर से देश में नई जीएसटी रिफॉर्म्स लागू कर दी हैं। इसके तहत आम लोगों को जरूरी चीजों और सेवाओं पर बड़ी राहत दी गई है। अब दूध, घी, तेल से लेकर टीवी, एसी और कार-बाइक तक सस्ती हो गई हैं। सबसे बड़ी राहत मिली है हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस वालों को। अब इन पॉलिसियों पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, यानी अब ये टैक्स फ्री हो गई हैं।
GST on Health Insurance: पहले कितना टैक्स लगता था?
पहले हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18% जीएसटी लिया जाता था। यानी अगर आपका मंथली प्रीमियम 10,000 रुपए था, तो आपको 1,800 रुपए टैक्स देना पड़ता था। अब जीएसटी हटने के बाद यह अतिरिक्त पैसा सीधे आपकी जेब में बचेगा।
GST Impact on Insurance: 30,000 रुपये वाले प्रीमियम पर कितनी बचत?
मान लीजिए कि आपकी पॉलिसी का मासिक प्रीमियम 30,000 रुपए था। पहले इस पर 18% के हिसाब से 5,400 रुपए जीएसटी लगता था और कुल भुगतान 35,400 रुपए करना पड़ता था। लेकिन अब आपको सिर्फ 30,000 रुपए ही देना होगा, जिससे 5,400 रुपए की सीधी बचत होगी।
GST 2.0: टर्म इंश्योरेंस अब और सस्ता
अगर आप 30 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपए का टर्म इंश्योरेंस लेते हैं, तो इसका सालाना बेस प्रीमियम लगभग 15,000 रुपए होता है। पहले इस पर 2,700 रूपए का टैक्स देना होता था यानी कुल 17,700 रुपए। लेकिन अब बिना टैक्स के आपको सिर्फ 15,000 रुपए देना होगा। इस तरह हर साल 2,700 रुपए की बचत होगी।
Tax-Free Insurance: फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पर कितना फायदा?
मान लीजिए आपकी उम्र 35 साल, पत्नी की 33 साल और दो बच्चे हैं। आपके पूरे परिवार के लिए 10 लाख रुपए का हेल्थ कवर लेना है। इस पर सालाना औसत प्रीमियम 25,000 रुपए होता है। पहले इस पर 18% के हिसाब से 4,500 रुपए का टैक्स देना पड़ता था। अब टैक्स हटने से आपकी सालाना 4,500 रुपए की बचत होगी।
बीमा कंपनियों को आईटीसी नहीं मिलेगा
इस फैसले से जहां पॉलिसीधारकों को राहत मिली है, वहीं बीमा कंपनियों को झटका लगा है। सरकार ने यह भी साफ किया है कि अब बीमा कंपनियां कमीशन, ब्रोकरेज या ऑफिस खर्चों पर दिए गए टैक्स के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नहीं ले सकेंगी। पहले वे इस खर्च को ग्राहकों से लिए गए टैक्स से एडजस्ट कर देती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
क्या कंपनियां प्रीमियम बढ़ाएंगी?
चूंकि अब कंपनियों को अपने खर्च खुद उठाने होंगे, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि वे यह बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं। हो सकता है कि भविष्य में बीमा कंपनियां बेस प्रीमियम बढ़ा दें ताकि उनकी लागत पूरी हो सके।
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