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GST परिषद का फैसला : मोबाइल फोन मिलेगा महंगा, जीएसटी दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर किया 18 फीसदी

मोबाइल फोन अब महंगा हो जाएगा, क्योंकि इस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने शनिवार को यह फैसला लिया।

11:06 PM Mar 14, 2020 IST | Shera Rajput

मोबाइल फोन अब महंगा हो जाएगा, क्योंकि इस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने शनिवार को यह फैसला लिया।

gst परिषद का फैसला   मोबाइल फोन मिलेगा महंगा  जीएसटी दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर किया 18 फीसदी
मोबाइल फोन अब महंगा हो जाएगा, क्योंकि इस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने शनिवार को यह फैसला लिया। 
हालांकि जीएसटी परिषद ने विमानों की रखरखाव व मरम्मत यानी मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ) सेवा पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दी है। 
जीएसटी परिषद की यहां बैठक के बाद वित्तमंत्री ने कहा, ‘इस बदलाव से भारत में एमआरओ सेवा स्थापित करने में मदद मिलेगी।’
केंद्र एवं राज्यों के जीएसटी अधिकारियों की फिटमेंट कमिटी ने मोबाइल फोन, फुटवेयर, टेक्सटाइल्स एवं फर्टिलाइजर्स जैसे मदों पर शुल्क की उल्टी संरचना (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) को दुरुस्त करने के लिए जीएसटी दर संरचना में बदलाव की सिफारिश की थी। 
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर से मतलब ऐसी कर संरचना से है जहां तैयार उत्पादों के मुकाबले इनपुट पर कर की ऊंची दर से है। इसके फलस्वरूप विभिन्न प्रशासनिक व अनुपालन संबंधी मसलों के अलावा वस्तुओं के लिए अधिक इनपुट क्रेडिट का दावा किया जाता है। 
जीएसटी परिषद ने कारोबारियों को सहूलियत देने के लिए कई उपाय किए। इन उपायों के मुताबिक, जीएसटी भुगतान में विलंब होने पर ब्याज नेट टैक्स कैश लायबिलिटी पर लिया जाएगा, जोकि एक जुलाई 2017 से ही लागू होगा। इसके लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया जाएगा। 
जिनका पंजीकरण 14 मार्च, 2020 तक रद्द कर दिया गया है, वे पंजीकरण निलंबन निरस्त कराने के लिए इस साल जून तक आवेदन कर सकते हैं। 
वहीं, हर पंजीकृत व्यक्ति को उसके आपूर्तिकर्ता के संबंध में जरूरी जानकारी हासिल करने के लिए समर्थ बनाने के मकसद से ‘अपने आपूर्तिकर्ता को जानिए’ की एक नई सुविधा शुरू की जाएगी। 
एमएसएमई सेक्टर को राहत प्रदान करने के लिए जीएसटी परिषद ने वित्तवर्ष 2018-19 से जून 2020 के लिए सालाना रिटर्न व समाधान विवरण दाखिल करने की तिथि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 
साथ ही, दो करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले करदाताओं पर वित्तवर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए सालाना रिटर्न व समाधान विवरण दाखिल करने में विलंब होने पर विलंब शुल्क नहीं लगेगा। 
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Shera Rajput

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