गुजरात: वांकल गांव में 36 लाख रुद्राक्षों से बना 16 फीट ऊंचा शिवलिंग
विशाल शिवलिंग भक्ति और श्रद्धा का मुख्य केंद्र बन चुका है
गुजरात के वलसाड जिले के धरमपुर तहसील स्थित वांकल गांव में इस साल महाशिवरात्रि महोत्सव की भव्य शुरुआत हो चुकी है। यहां 16 फीट ऊंचे रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना की गई है। यह अब श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस शिवलिंग का निर्माण संत बटुक महाराज ने किया है, जो पहले ही लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में चार बार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।
यह विशेष शिवलिंग 36 लाख रुद्राक्षों से बनाया गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका अभिषेक करने से पुण्य प्राप्त होता है, इसलिए रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की पूजा का महत्व बहुत बढ़ जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के नेत्रों से जो आंसू गिरे, उन्हीं से रुद्राक्ष का निर्माण हुआ था। रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजा में विशेष स्थान प्राप्त है। यही कारण है कि वांकल गांव में 36 लाख रुद्राक्षों से निर्मित यह विशाल शिवलिंग भक्ति और श्रद्धा का मुख्य केंद्र बन चुका है।
रुद्राक्ष से बने शिवलिंग को अत्यधिक ऊर्जा से भरपूर और शक्तिशाली माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस पर जल चढ़ाने से शिवलिंग की पूजा का फल प्राप्त होता है। प्राकृतिक वातावरण में स्थापित इस महाकाय रुद्राक्ष शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु वांकल गांव पहुंच रहे हैं। यहां शिवकथा का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद मिल रहा है।
यह अब विश्व का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग बन चुका है। 16 फीट ऊंचे इस शिवलिंग के निर्माण में 36 लाख रुद्राक्षों का उपयोग किया गया है। इस उपलब्धि के लिए उन्हें रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया द्वारा सम्मानित किया गया है।