गुजरात: चलती एंबुलेंस में लगी आग, जिंदा जले डॉक्टर-नर्स, नवजात समेत 4 लोग
Gujarat Ambulance Accident: गुजरात के अरवल्ली जिले में सोमवार (17 नवंबर) देर शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। मोडासा के राणासैयद चौराहे के पास चलती एम्बुलेंस में अचानक भीषण आग लगने से डॉक्टर, नर्स, नवजात शिशु और बच्चे के पिता की जलकर मौत हो गई। आग इतनी तेजी से फैली कि उन्हें बाहर निकलने का कोई मौका ही नहीं मिला।
Gujarat News Today: ऑरेंज हॉस्पिटल की एम्बुलेंस में लगी आग
अहमदाबाद के ऑरेंज हॉस्पिटल की यह एम्बुलेंस एक दिन के नवजात शिशु को प्रसव के बाद आगे के उपचार के लिए अहमदाबाद ले जा रही थी। एम्बुलेंस जैसे ही मोडासा से गुजर रही थी, तभी अचानक उसमें आग भड़क उठी। चालक और आगे बैठे बच्चे के एक रिश्तेदार को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया, लेकिन पीछे के हिस्से में बैठे लोग आग की चपेट में आ गए और बाहर नहीं निकल सके।
Gujarat Ambulance Fire Video: फायर ब्रिगेड ने मशक्कत के बाद बुझाई आग
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने मोडासा नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को खबर की। दमकल दल ने मौके पर पहुंचकर काफी प्रयासों के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस ने दो घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। इस भयावह हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें एम्बुलेंस को पेट्रोल पंप के पास आग की लपटों में घिरा देखा जा सकता है।
डॉक्टर और नर्स की मौत, नवजात भी नहीं बच सका
हादसे में मरने वालों की पहचान हो गई है। 22 वर्षीय नर्स भाविकाबेन रमणभाई मनात और 35 वर्षीय डॉक्टर राज शांतिलाल रेंटिया, जो हिम्मतनगर के चिठोड़ा गांव के रहने वाले थे और अहमदाबाद के एक अस्पताल में काम करते थे, आग में झुलसकर चल बसे। नवजात शिशु भी आग से बच नहीं सका, जबकि बच्चे के पिता गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
तकनीकी खराबी की आशंका, जांच जारी
स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती अनुमान है कि एम्बुलेंस में तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी होगी, हालांकि इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी।
Gujarat Ambulance Accident: परिजनों और अस्पताल स्टाफ में मातम
मोडासा जैसे शांत इलाके में हुए इस हादसे ने पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया है। लोग एम्बुलेंस जैसी जीवनरक्षक सेवाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। मृतकों के परिवार और अस्पताल के स्टाफ का रो-रोकर बुरा हाल है। यह घटना एक दर्दनाक याद बनकर रह गई है कि कभी-कभी जिंदगी बचाने के लिए निकलने वाला वाहन ही मौत का कारण बन जाता है।
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