Gujarat Polls: वडगाम सीट बनी चर्चा का केंद्र, मेवानी जीत को लेकर आश्वस्त, क्या बदलेगा चुनावी समीकरण?
गुजरात में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वडगाम विधानसभा सीट को लेकर माना जा रहा है कि इसकी जनसांख्यकीय संरचना के चलते कांग्रेस यहां आसानी से जीत जाएगी।
07:32 PM Dec 02, 2022 IST | Desk Team
गुजरात में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वडगाम विधानसभा सीट को लेकर माना जा रहा है कि इसकी जनसांख्यकीय संरचना के चलते कांग्रेस यहां आसानी से जीत जाएगी। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक जिग्नेश मेवानी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं मानती। भाजपा उम्मीदवार मनीभाई वाघेला ने दावा किया है कि इस बार मेवानी चुनाव हारेंगे।इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम और दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है, लेकिन इस सीट को अपने पास बरकरार रखना मौजूदा विधायक जिग्नेश मेवानी के लिए आसान नहीं होगा जो इस बार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं।इस सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के ताल ठोंकने से मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है।हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राजनीतिक विश्लेषक इसे दूसरे रूप में देखते हैं। ये कहते हैं कि मेवानी के लिए चीजें आसान नहीं होंगी। इनके मुताबिक, एआईएमआईएम और आप के चुनावी मैदान में कूदने से कांग्रेस के मतदाता विभाजित हो जाएंगे।
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चुनाव प्रचार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे मेवानी
मेवानी ने वर्ष 2017 का चुनाव एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां से जीता था और कांग्रेस ने उनका समर्थन किया था।इस बार मेवानी का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार मनीभाई वाघेला से है जो वर्ष 2012 से 2017 के बीच इस क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं, लेकिन वह बाद में भाजपा में शामिल हो गये थे।इसके अलावा आप उम्मीदवार दलपत भाटिया और एआईएमआईएम उम्मीदवार कल्पेश सुंधिया भी मेवानी को चुनौती दे रहे हैं।इस बारे में बात करने पर राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहेल ने कहा, ‘‘ साबरकांठा जिले की वडगाम सीट सामान्यत: कांग्रेस के लिए काफी आसान समझी जाती है, लेकिन इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय है। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। यदि मुस्लिम और दलित मत तीन दलों में नहीं विभाजित हुए तो कांग्रेस प्रत्याशी आसानी से जीत सकता है। ’’इस सीट पर पांच दिसंबर को मतदान होगा और 41 वर्षीय मेवानी चुनाव प्रचार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह प्रतिदिन आठ से 10 गांव में सभाएं कर रहे हैं।
जनता ने AAP को खारिज किया
मेवानी मतादाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे भाजपा की ओर से की जा रही हिंदुत्व की भावनात्मक अपील में नहीं आएं।मेवानी ने मीडिया से कहा, ‘‘यहां के हालात उम्मीद से बेहतर हैं। मेरे गांव की बैठकों में शामिल होने के लिए लोग खुद आ रहे हैं। यहां कई दिनों तक चुनाव प्रचार के बाद, मैं अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हूं।’’भाजपा उम्मीदवार वाघेला ने मीडिया से कहा, ‘‘अधिक संख्या में मुस्लिम और दलित मतदाताओं के कारण यह कांग्रेस के लिए एक आसान सीट है, लेकिन इस बार मेवानी यहां से लड़ने के प्रति उत्सुक नहीं थे क्योंकि उन्हें पता है कि वह हार रहे हैं।’’वडगाम में कुल 2.94 लाख मतदाता हैं जिनमें से 90 हजार मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि 44 हजार दलित, 15 हजार राजपूत मतदाता हैं। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य जाति के मतदाता हैं।वाघेला ने कहा कि इस बार मुस्लिम और दलित मत आप, एआईएमआईएम और कांग्रेस के बीच विभाजित होगा।मेवानी भी मानते हैं कि एआईएमआईएम उम्मीदवार उनके कुछ वोट काटकर भाजपा को मदद पहुंचाएगा, लेकिन जीत उन्हीं की होगी। मेवानी ने दावा किया कि लोगों ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को खारिज कर दिया है।
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