Gulshan Devaiah Mannat party : Shah Rukh Khan के Mannat में पहुंचकर असहज हुए Gulshan Devaiah, बोले वहां सिर्फ बड़ी हस्तियां थीं
Gulshan Devaiah Mannat party : Shah Rukh Khan के Mannat में पहुंचकर असहज हुए Gulshan Devaiah, बोले वहां सिर्फ बड़ी हस्तियां थीं
बॉलीवुड अभिनेता Gulshan Devaiah ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि एक बार उन्हें अभिनेता शाहरुख़ ख़ान के घर 'मन्नत' में आयोजित पार्टी में शामिल होने का अवसर मिला था, लेकिन उस अनुभव के दौरान उन्होंने खुद को बेहद असहज महसूस किया। गुलशन ने कहा कि पार्टी में मौजूद माहौल और वहां शामिल हस्तियों को देखकर उन्हें यह महसूस हुआ कि वह उस वातावरण का हिस्सा नहीं हैं।यह घटना उनके करियर के शुरुआती दौर की है, जब वह फिल्मों में काम तो कर रहे थे, लेकिन ग्लैमर वर्ल्ड के चमकते सर्कल का हिस्सा नहीं बने थे। एक अवॉर्ड नॉमिनेशन के बाद उन्हें फिल्मकार अनुराग कश्यप और अभिनेत्री कल्कि कोचलिन के माध्यम से एक आफ्टर पार्टी में आमंत्रित किया गया था, जो शाहरुख़ और गौरी ख़ान के घर 'मन्नत' में आयोजित की गई थी। "यह गेटक्रैश नहीं था, मुझे न्योता मिला था"गुलशन देवैया ने मीडिया में फैली उस अफवाह का खंडन भी किया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने पार्टी 'गेटक्रैश' की थी। अभिनेता ने स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी में आमंत्रण मिला था और वह बतौर मेहमान वहां गए थे। "अगर मैंने पार्टी क्रैश की होती तो शायद मैं आज जेल में होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। मैं वहां आमंत्रित था और कुछ दोस्तों के साथ गया था,"
'मन्नत' का माहौल और घर की सजावट

गुलशन ने बताया कि 'मन्नत' के भीतर का माहौल बहुत ही भव्य और प्रभावशाली था। उन्होंने घर की सजावट, लाइटिंग और मूर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोना बॉलीवुड की चमक-दमक से भरा हुआ था।
"वहां एक बड़ी संगमरमर की मूर्ति थी, शायद राधा-कृष्ण की। फ्लोर से लाइटिंग आ रही थी, और जो दरवाज़ा हम सब टीवी पर देखते हैं, वह असल में एंट्री गेट नहीं है – असली गेट कुछ और ही है।"
गुलशन ने आगे कहा कि इतने आलीशान माहौल में भी, उन्हें खुद के भीतर एक अजीब सी असहजता महसूस हो रही थी। “मैं वहां था, लेकिन लगा जैसे मैं वहां का नहीं हूं”
पार्टी में शामिल तमाम हस्तियों से मुलाकात

पार्टी में शामिल तमाम हस्तियों को देखकर गुलशन को यह महसूस हुआ कि वह उस माहौल में फिट नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां मौजूद सभी लोग इंडस्ट्री के बड़े नाम थे, जिनमें करण जौहर, फरहान अख्तर और अन्य प्रमुख निर्माता-निर्देशक शामिल थे।“मैं वहां लगभग तीन घंटे तक रहा, लेकिन पूरे समय मुझे महसूस होता रहा कि मैं वहां का हिस्सा नहीं हूं। मैं खुद से पूछ रहा था कि मैं यहां क्यों हूं? मुझे लगा मैं यहां फिट नहीं होता।”गुलशन देवैया ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक गहरी आत्म-चिंतन की स्थिति बन गया। उन्होंने इस पूरी घटना को “तीन कठिन घंटे” बताते हुए कहा कि इसने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया कि इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए केवल प्रतिभा नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और अपनापन भी जरूरी है। "कोई भी आपको पार्टी में बुला सकता है, लेकिन अगर आप खुद से यह नहीं कह सकते कि आप वहां के हैं, तो वह आमंत्रण खोखला हो जाता है।"
करियर और सोच में आया बदलाव

गुलशन ने बताया कि उस रात के बाद उन्होंने अपने करियर और पहचान को लेकर एक नया दृष्टिकोण अपनाया। उन्हें समझ आया कि केवल फिल्में करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उस परिवेश में मानसिक रूप से सहज महसूस करना भी उतना ही आवश्यक है।
इस अनुभव ने उन्हें यह सिखाया कि बॉलीवुड की चमक-दमक से परे एक ऐसी दुनिया है, जिसमें बहुत सारे कलाकार खुद को खो देते हैं, अगर वे अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को संभालकर न रखें।
Gulshan Devaiah का यह अनुभव फिल्म इंडस्ट्री की उस अनदेखी सच्चाई को सामने लाता है, जिसमें कई बार चमकदार माहौल के पीछे गहराई से जुड़ा आत्म-संदेह और असुरक्षा भी छुपा होता है। उनका यह स्वीकार करना कि उन्होंने खुद को उस माहौल के योग्य नहीं समझा, एक ईमानदार और साहसी बयान है, जो दर्शाता है कि इंडस्ट्री में सफल होने के लिए केवल टैलेंट नहीं, बल्कि खुद पर भरोसा भी जरूरी है।
यह कहानी न केवल एक अभिनेता की निजी अनुभूति है, बल्कि उन सभी नवोदित कलाकारों के लिए एक सीख है, जो फिल्म इंडस्ट्री की ऊपरी चमक से आकर्षित तो होते हैं, लेकिन अंदर की जमीनी हकीकत से अनजान रहते हैं।
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