For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

गुरदासपुर-मुकेरियां रेल लिंक को मिली मंजूरी, क्षेत्रीय संपर्क में सुधार

नई रेल लाइन से 50 किलोमीटर की दूरी होगी कम

09:35 AM May 28, 2025 IST | Himanshu Negi

नई रेल लाइन से 50 किलोमीटर की दूरी होगी कम

गुरदासपुर मुकेरियां रेल लिंक को मिली मंजूरी  क्षेत्रीय संपर्क में सुधार

रेल मंत्रालय ने गुरदासपुर-मुकेरियां रेल लिंक को मंजूरी दी है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इसे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह नई रेल लाइन अमृतसर की ओर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगी, जिससे माल यातायात में 50 किलोमीटर की बचत होगी।

रेल मंत्रालय ने 30 किलोमीटर लंबे गुरदासपुर–मुकेरियां रेल लिंक के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है। इसे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह नई रेल लाइन क्षेत्रीय संपर्क के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अमृतसर की ओर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगी। रवनीत सिंह बिट्टू ने आगे बताया कि गुरदासपुर पंजाब के माझा क्षेत्र में स्थित है, जो रावी और ब्यास नदियों के बीच स्थित है। यह एक जिला मुख्यालय है जो पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है। गुरदासपुर रेलवे स्टेशन से अनाज और खाद की लोडिंग की जाती है और औसतन हर महीने यहाँ से लगभग 5 रेक निपटाए जाते हैं। इस क्षेत्र में चिन्ना और कठनंगल नाम के दो गुड्स कैरियर टर्मिनल (GCT) भी सक्रिय हैं।

50 किलोमीटर की दूरी बचेगी

इस क्षेत्र से माल को अंबाला की ओर भेजने या वहां से लाने के लिए वर्तमान में अमृतसर और जालंधर (लगभग 140 किलोमीटर) या पठानकोट और जालंधर (लगभग 142 किलोमीटर) के रास्ते से लंबा सफर तय करना पड़ता है। कई बार रेक को अमृतसर स्टेशन से होकर जाते समय रिवर्स करना भी पड़ता है। इस नई रेल लाइन के निर्माण के बाद ट्रैफिक मुकेरियां (लगभग 92 किलोमीटर) के रास्ते से चलेगा, जिससे हर रेक पर लगभग 50 किलोमीटर की दूरी बचेगी और अमृतसर में रिवर्सिंग से भी छुटकारा मिलेगा।

सैन्य ट्रैफिक संचालित किया जाएगा

रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि गुरदासपुर एक सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां टिब्बर (टीबरी कैंट) में सैन्य क्षेत्र भी है, जिस कारण इस प्रस्तावित रेल लाइन से सैन्य ट्रैफिक भी संचालित किया जाएगा। इसके अलावा, धारीवाल से स्थानीय ट्रैफिक की भी संभावना है क्योंकि यह क्षेत्र ऊनी कपड़े बनाने के लिए प्रसिद्ध है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Himanshu Negi

View all posts

Advertisement
×