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Guru Nanak Jayanti 2019: गुरु पर्व के खास अवसर पर देश के इन 10 प्रसिद्ध गुरुद्वारों में होती है रौनक

12 नवंबर यानी मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा इस बार है साथ ही सिध धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में भी इस दिन को मनाया जाता है।

08:30 AM Nov 10, 2019 IST | Desk Team

12 नवंबर यानी मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा इस बार है साथ ही सिध धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में भी इस दिन को मनाया जाता है।

12 नवंबर यानी मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा इस बार है साथ ही सिध धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में भी इस दिन को मनाया जाता है। गुरुद्वारों में अलग-अलग कार्यक्रम प्रकाश पर्व के दिन किए जाते हैं। भारत में स्थित 10 ऐसे गुरुद्वारों के बारे में हम आपको प्रकाश पर्व के खास मौके पर बताएंगे। गहरी आस्‍था सिख धर्म के भक्तों की है। चलिए जानते हैं इन गुरुद्वारों के बारे में-
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1. स्वर्ण मंदिर, पंजाब

पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे को हरमिंदर साहिब सिंह के नाम से भी महशूर है। पूरे संसार में अपनी खूबसूरती के लिए यह गुरुद्वारा लोकप्रिय है। सोने से इस गुरुद्वारे की दीवारे बनाई गई हैं। महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरुद्वारे की स्‍थापना की थी। 
2. श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, उत्तराखंड

इस गुरद्वारे का निर्माण सिख धर्म के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने किया था। उत्तराखंड के चमोली जिले में यह गुरुद्वारा है। बता दें कि यह गुरद्वारा पहाड़ों और झील के किनारे पर बना हुआ है। 
3.शीशगंज गुरुद्वारा, दिल्ली

गुरुद्वारा शीगंज दिल्ली के चांदनी चौक में है और इसकी स्‍थापना बघेल सिंह ने की थी। बता दें कि सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर की शहादत में बघेल सिंह ने यह गुरुद्वारा बनवाया था। सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर को बादशाह औरंगजेब ने इसी जगह पर मारा था क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूलने से मना कर दिया था। 
4.फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा, पंजाब

साहिबजादा फतेह सिंह और जोरावर सिंह की शहादत में पंजाब में स्थित फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा बनाया गया है। एक नायाब नमूता वास्तुकला का यह गुरुद्वारा है। 
5. बंगला साहिब गुरुद्वारा, दिल्ली

दिल्ली के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर बंगला साहिब गुरुद्वारा है। राजा जय सिंह ने इस गुरुद्वारे की स्‍थापना की थी। यहां पर सिख धर्म के आठवें गुरु हरकिशन सिंह ने कई चमत्कार किए थे जिसके बाद उनकी ही याद में यह गुरुद्वारा बनवाया गया। यह गुरुद्वारा बहुत ही पवित्र स्‍थान है सिखों और हिन्दुओं दोनों के लिए। 
6. हजूर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के नान्देड नगर में हजूर साहिब गुरुद्वारा गोदावरी नदी के किनारे पर है। गुरु गोविंद सिंह का अंतिम संस्कार इस जगह पर साल 1780 में हुआ था। इस गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने किया। 
7. पांवटा साहिब गुरुद्वारा, हिमाचल प्रदेश
गुरु गोविंद सिंह जी ने इस जगहर पर अपने जीवन के चार साल बिताए थे साथ ही दसवें ग्रंथ की भी रचना की थी। 
8. तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
पंजाब के बठिंडा में दक्षिण-पूर्व के तलवंडी सबो गांव में यह गुरुद्वारा है। इस स्‍थान पर गुरु गोविंद सिंह जी आए थे और रुके थे। मुगलों को सामना उन्होंने यहां आकर किया था। 
9. श्री पटना साहिब गुरुद्वारा, बिहार

सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था। इस गुरुद्वारे की स्‍थापना महाराजा रंजीत सिंह ने की थी। स्‍थापत्य कला का एक सूंदर नमूना यह गुरुद्वारे है। 
10. गुरुद्वारे मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश

मान्यता के अनुसार सिख धर्म के पहले गुरु नानकदेव जी ने मणिकरण गुरुद्वारे के इस जगह पर ध्यान किया था। पहाड़ियों के बीच में यह गुरुद्वारे बना हुआ है। 
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