Guru Nanak Jayanti 2025 Kab Hai: 4 या 5 नवंबर कब मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती? जानें सही तिथि और धार्मिक महत्व
03:19 PM Oct 31, 2025 IST | Khushi Srivastava
Advertisement
Guru Nanak Jayanti 2025 Kab Hai: सिख धर्म में गुरु नानक जयंती को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे गुरु पूरब या गुरुपर्व के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म के लोग इसे बड़ी ही आस्था और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
Advertisement
Advertisement

हर वर्ष गुरु नानक देव जी की जयंती के दिन देश-विदेश के गुरुद्वारों में भव्य आयोजन होते हैं। गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है। सुबह के समय नगर कीर्तन निकाला जाता है। इसमें श्रद्धालु गुरु ग्रंथ साहिब को सजाकर पालकी में लेकर चलते हैं। गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग शबद-कीर्तन गाते हैं और पूरे दिन भक्ति और सेवा में लीन रहते हैं।
Guru Nanak Jayanti 2025 Kab Hai: साल 2025 में कब है गुरु नानक जयंती?

इस वर्ष गुरु नानक जयंती बुधवार, 5 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह गुरु नानक देव जी की 556वीं जन्म वर्षगांठ होगी।
Guru Nanak Dev History: कब और कहां हुआ था गुरु नानक देव जी का जन्म

गुरु नानक देव जी का जन्म सन् 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन तलवंडी (ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। नानक जी के पिता का नाम मेहता कालू चंद था और माता का नाम माता तृप्ता था। नानक देव जी ने लोगों को प्रेम, त्याग, सत्यता, समानता और सेवा के उपदेश दिए।
उन्होंने कहना था कि परमात्मा एक ही है और सच्ची भक्ति और सेवा से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। गुरु नानक देव जी का एक बहुत प्रसिद्ध उपदेश भी है- “एक ओंकार सतनाम, करता पुरख, निर्भउ, निरवैर" इसका अर्थ है कि परमात्मा एक ही है, उनका नाम सत्य है, वही सारी सृष्टि के रचयिता हैं, वह निर्भय है और सभी के प्रति निरवैर हैं।
गुरु नानक देव जी ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी। 15वीं शताब्दी के अंत में उन्होंने पंजाब में सिख धर्म (Sikhism) स्थापित किया जो मानवता, समानता, निस्वार्थ सेवा और एक ईश्वर की भक्ति पर केंद्रित है। गुरु नानक देव जी ने अपने विचारों, करुणा और सादगी से मानवता को एक नई दिशा दी।
Guru Nanak Jayanti Significance: गुरु नानक जयंती का महत्व

गुरु नानक देव जी ने अपने पूरे जीवन काल में लोगों को प्रेम, सत्यता, सेवा और समानता की दिशा दिखाई। उन्होंने लोगों को सिखाया कि सच्ची भक्ति पूजा और उपवास से नहीं, बल्कि जरुरतमंदों की मदद और स्वयं की ईमानदारी से होती है। सच्चे भक्त वहीं होते हैं जो निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करते हैं।
गुरु नानक जयंती के दिन सच्चे मन से गुरु नानक देव जी का ध्यान करने और गुरबाणी सुनने से मन शांत होता है और आत्मबल मिलता है। भक्त प्रसाद, मिठाई और फल बांटकर एक दूसरे के साथ प्रेम भाव से इस दिन को मनाते हैं।
धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने तेज का अंश समुद्र में प्रवाहित किया था। इसी तेज से एक बालक का जन्म हुआ, जो आगे चलकर बलवान और पराक्रमी दैत्यराज जलंधर कहलाने लगा। समय बीतने के साथ जलंधर अहंकारी हो गया और आसुरी कर्मों में लिप्त होकर सभी प्राणियों को कष्ट देने लगा, आगे पढ़ें...
Advertisement

Join Channel