टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में कीर्तन दरबार का आयोजन, सीएम भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल हुए शामिल

12:20 AM Nov 19, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
Guru Tegh Bahadur's 350th (Soucre: Social Media)

Guru Tegh Bahadur's 350th Martyrdom Day: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वीं शहीदी दिवस के अवसर पर श्रीनगर के गुरुद्वारा श्री चट्टी पातशाही साहिब में आयोजित कीर्तन दरबार में शामिल हुए। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरु साहिब जैसा बलिदान इतिहास में नहीं मिलता है। हिन्दू धर्म को बचाने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।

उन्होंने कहा कि बुधवार को श्रीनगर से यात्रा रवाना होगी और 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगी। सभी से अपील है कि पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वीं शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों। इस अवसर पर पंजाब सरकार की पूरी कैबिनेट समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Guru Tegh Bahadur's 350th Martyrdom Day: पंजाब सरकार की कैबिनेट कार्यक्रम में शामिल हुई

अरविंद केजरीवाल ने कीर्तन दरबार में शामिल होने पर खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि वैसे तो लोग श्रीनगर पर्यटन और काम को लेकर आते हैं। मैं बहुत सौभग्यशाली हूं कि मैं पहली बार श्रीनगर आया हूं और इस पवित्र स्थल का दर्शन करने के लिए आया हूं। हम सभी लोग एक पवित्र आत्मा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहादत दिवस पर एकत्र हुए हैं। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब को शहीदों का सरताज और हिंद की चादर कहा जाता है। पूरी दुनिया में किसी भी धर्म में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जैसी शहादत कभी नहीं देखी गई है।

गुरु तेग बहादुर साहिब का सर्वोच्च बलिदान

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि किस तरह कश्मीरी पंडितों पर बहुत जुल्म हो रहे थे। कश्मीरी पंडित श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के पास आनंदपुर पहुंचे और मदद मांगी। हिन्दू लोगों के धर्म को बचाने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इतिहास में इस तरह का बलिदान देखने को नहीं मिलता है। उनकी शहादत को हम सभी नमन और उनका सम्मान करते हैं।

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर पंजाब सरकार ने बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किए हैं। मेरी सभी लोगों ने अपील है कि आनंदपुर साहिब में होने वाले कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा पहुंचे। साथ ही, अलग-अलग कार्यक्रमों में भी शामिल हों।

Advertisement
Guru Tegh Bahadur's 350th (Soucre: Social Media)

Guru Tegh Bahadur's 350th Martyrdom Day: 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगी यात्रा

अरविंद केजरीवाल ने यह हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाना है। हमें अपने बच्चों को उनकी शहादत के बारे में बताना है। उनकी शहादत सभी लोगों तक पहुंचनी चाहिए, ताकि उनकी शहादत से हम लोगों को प्रेरणा मिले और उनके संदेश के हिसाब से हम अपने जीवन को ढाल सकें। अरविंद केजरीवाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बुधवार को श्रीनगर से यात्रा रवाना होगी और 22 नवंबर की रात यह यात्रा आनंदपुर साहिब पहुंचेगी।

इस यात्रा की शुरूआत के अवसर पर सीएम भगवंत मान के साथ मुझे भी उपस्थित रहने का मौका मिला। इसके लिए मैं अपने आपको सौभाग्यशाली समझता हूं। गुरु साहिब से प्रार्थना करता हूं कि आप सभी को खूब खुशियां दें, स्वस्थ्य रखें और आपके परिवार को खुश रखें।

Guru Tegh Bahadur's 350th (Soucre: Social Media)

भगवंत मान ने कहा कि इतिहास की किताबें पढ़ीं तो पता चला कि त्यागमल से तेग बहादुर कैसे बने। बाबा बकाले से गुरु लाडो रे तक का सफर और फिर लखी शाह बनजारा ने अपने घर में आग लगाकर गुरु साहिब के पार्थिव शरीर का संस्कार किया। भाई जैता जी (जिन्हें बाद में भाई जीवन सिंह जी के नाम से जाना गया) ने कितनी कठिनाइयों से शीश दिल्ली से लाकर अमृतसर पहुंचाया। गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें किताब भेंट की। ये कुर्बानियां छोटी नहीं हैं।

आज की पीढ़ी माध्यम बदलने से शायद इन्हें पूरी तरह समझ न पाए, इसलिए लाइट एंड साउंड शो और यूट्यूब जैसे आधुनिक तरीकों से मर्यादा बनाए रखते हुए अगली पीढ़ी तक इन बलिदानों की जानकारी पहुंचानी चाहिए।

कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर साहिब का सर्वोच्च बलिदान

भगवंत मान ने आगे कहा कि ऐसी मिसालें दुनिया में कहीं नहीं मिलती। शहीदा के सरताज श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। पंडित कृपा राम जी के नेतृत्व में जत्था दिल्ली आया और गुरु साहिब ने उनकी अरदास स्वीकार की। भाई सेवा सिंह जी ने विस्तार से बताया और भाई हजेंद्र सिंह जी श्रीनगर वाले तथा भाई बलविंदर सिंह जी रंगीला की कथाएं सुनकर हम बड़े हुए हैं।

बचपन में भाई मती दास जी की कथा सुनकर छोटी उम्र में ही दो मंजे जोड़कर स्पीकर लगाकर धार्मिक कीर्तन सुनता था। आज भाई मती दास जी, भाई दयाला जी और भाई सती दास जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

Guru Tegh Bahadur's 350th Martyrdom Day: पंजाब के स्कूलों में गुरु साहिब पर होगा पूरा पाठ्यक्रम

भगवंत मान ने कहा कि स्कूल के पाठ्यक्रम में पहले गुरु तेग बहादुर साहिब जी का दस नंबर का सिर्फ एक लेख होता था। अब पंजाब सरकार पूरे पाठ्यक्रम में गुरु साहिब की जीवनी शामिल कर रही है ताकि बच्चे जानें कि पांच भाइयों में से चार भाइयों ने भी बलिदान दिया। गुरु साहिब ने कोई चमत्कार नहीं दिखाया, बल्कि सत्य के लिए खड़े हुए।

मक्खन शाह लुबाना ने 500 स्वर्ण मुद्राएं चढ़ाकर असली गुरु को पहचाना। गुजरात के पोर्ट पर फंसे जहाज को गुरु साहिब की कृपा से छुड़ाया गया। माता भाग कौर जी की कहानी भी श्रद्धा जगाती है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने चार साहिबजादे और माता गुजरी जी को भी बलिदान करवाया। शायद ही कोई परिवार ऐसा हो जिसने इतना त्याग किया हो।

Guru Tegh Bahadur's 350th (Soucre: Social Media)

भगवंत मान ने कहा कि लंगर गुरु साहिब का वरदान है। श्रीलंका सुनामी हो या तुर्की भूकंप, रेड क्रॉस के बाद सबसे पहले सिखों का लंगर पहुंचता है। पंजाब सरकार ने गुरु साहिब के चरण छूने वाले 109 गांवों और कस्बों की पहचान की है। इन गांवों में विकास कार्यों के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन गांवों में कीर्तन और लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से गुरु साहिब की जीवनी दिखाई जा रही है। फरीदकोट, बठिंडा, तख्त श्री दमदमा साहिब और श्री हरमंदिर साहिब तक कीर्तन जत्थे जा रहे हैं।

विधानसभा के विशेष सत्र में होंगे कई ऐतिहासिक फैसले

भगवंत मान ने कहा कि पद्मश्री जैसे पुरस्कार इन महान रागी जत्थों की गरिमा नहीं बढ़ाते, बल्कि ये रागी पुरस्कारों की शोभा बढ़ाते हैं। सत्य से बड़ा कुछ नहीं है। सत्य बोलने से याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती, झूठ बोलने वालों को हर बार पिछला झूठ याद रखना पड़ता है। सुरजीत पातर जी ने लिखा है कि इतना सत्य न बोलो कि अकेले रह जाओ। सत्य बोलने वाले के जनाजे को कंधा देने वाले भी मुश्किल से मिलते हैं। गुरु साहिब ने हमें दुनिया की मोह माया से निकालने के लिए कुर्बानियां दीं, लेकिन हम फिर उसी में फंस गए।

भगवंत मान ने कहा कि इस तरह के समागम में निकाला गया समय सबसे कीमती है। पंजाब सरकार ने इन कार्यक्रमों के लिए खजाना खोल दिया है। कोई बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। पूरी कैबिनेट, विधानसभा अध्यक्ष सहित 23, 24 और 25 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होगी। 22 नवंबर को कीर्तन जत्थे पहुंचेंगे। 23 को सर्वधर्म सम्मेलन और अखंड पाठ होंगे। 24 को पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में होगा जिसमें ऐतिहासिक फैसले लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और ले. गवर्नर मनोज सिन्हा भी शामिल होंगे। सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।

Advertisement
Next Article