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ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट किया कि बादल और उसके परिवार ने कोई मर्यादा भंग नहीं की

स्वयं ही श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर पिछले 10 वर्षो के दौरान गठबंधन सरकार में हुई भूल और गलतियों की माफी के लिए गुरू घर में अरदास करने को

07:07 PM Dec 14, 2018 IST | Desk Team

स्वयं ही श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर पिछले 10 वर्षो के दौरान गठबंधन सरकार में हुई भूल और गलतियों की माफी के लिए गुरू घर में अरदास करने को

लुधियाना : स्वयं ही श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर पिछले 10 वर्षो के दौरान गठबंधन सरकार में हुई भूल और गलतियों की माफी के लिए गुरू घर में अरदास करने को लेकर विवादों में फंसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बेदाग कहा। उन्होंने बादल और उसके परिवार समेत शिरोमणि अकाली दल को भी क्लीन चिट दी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि बादल और उसके परिवार ने किसी भी प्रकार की कोई धार्मिक मर्यादा भंग नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि गुरबाणी के स्पष्ट है कि कोई भी शख्स याचक बनकर वाहेगुरू के दरबार में क्षमायाचना कर सकता है, इसमें कोई गलत नहीं बल्कि यह उसका अधिकार है।

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आज यहां गुरूद्वारा दुख निवारण साहिब के मुख्य सेवादार सरदार प्रितपाल सिंह के कार्यालय में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पहुंचे हुए थे, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बादल से फख्र-ए-कौम अवार्ड वापिस लेने के उठे मुददे पर कहा कि ऐसा कोई मुददा उनके पास नहीं आया, इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दिए हुए अवार्ड को वापिस लेने का कोई सवाल नहीं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह से नायब शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने भी विशेष रूप से मुलाकात की। इस अवसर पर नायब शाही इमाम ने पंजाब के मुसलमानों की ओर से एक ज्ञापन सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी को दिया और बताया कि गुरदासपुर कादियान से संबंधित जमात-ए-कादियान का इस्लाम धर्म से कोई संबंध नहीं है।

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नायब शाही इमाम ने बताया की इस्लाम धर्म में यह हुक्म है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैहीवसलम के बाद अब कोई पैगम्बर नहीं आयेगा, सभी मुसलमानों को कुरआन व हदीस के अनुसार चलना होगा, लेकिन कादियानी जमात ने अंग्रेजी शासन के दौरान मिर्जा गुलाम को नबी बना कर इस्लाम के मूल रूप को बदलने की कोशिश की थी जिसके बीच दरअसल अंग्रेजी साजिश थी कि मुसलमानों का ध्यान जंग-ए-आजादी से हटा दिया जाए। 1882 में ही लुधियाना के प्रसिद्ध विद्वान मौलाना शाह मुहम्मद लुधियानवी (शाही इमाम पंजाब के पड़दादा के पिता जी) ने मिर्जा गुलाम कादियानी के खिलाफ फतवा जारी किया था।

नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने सिंह साहिब को बताया कि अब कादियान जमात का हेड क्वाटर लंदन में है और वह आज भी पंजाब सहित भारत में पैसे देकर धर्म परिवर्तन करवाने में लगे हुए हैं। वह हर साल कादियान में अपने वार्षिक कार्यक्रम में सर्व धर्म के नाम पर श्री अकाल तखत साहिब से सिंह साहिब को बुलाने की फिराक में हैं।

नायब शाही इमाम ने कहा कि पंजाब भर के मुसलमान सिंह साहिब से गुजारिश करते हैं कि श्री अकाल तखत साहिब से कादियानी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने से सिख संगठनों को रोका जाए क्योंकि उनके जलसे में जाने से कादियानी जमात के झूठे प्रचार को बल मिल सकता है। नायब शाही इमाम मौलाना मुहममद उस्मान ने कहा कि सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह को भी कादियान बुलाया गया था लेकिन समय रहते शाही इमाम साहिब द्वारा हकीकत बताने पर उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था।

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नायब शाही इमाम की बात सुन कर सिंह साहिब ने कहा कि मैं पवित्र कुरआन शरीफ का पंजाबी में अनुवाद कर चुका हंू और इस्लामी शरीयत से भली भांति परिचित हंू। सिंह साहिब ने कहा कि पंजाब के मुसलमान निश्चिंत रहें सिख समुदाय कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति और संगठन की हिमायत नहीं करता जो किसी धर्म की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाले हों। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह कादियानी जमात के कार्यक्रम में कभी नहीं शामिल होंगे। इस अवसर पर शाही इमाम पंजाब के मुख सचिव मुहम्मद मुस्तकीम अहरारी, सरदार गुरप्रीत सिंह विंकल विशेष रूप से उपस्थित थे।

– सुनीलराय कामरेड

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