W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

छठ महापर्व की जय

04:55 AM Oct 26, 2025 IST | Kiran Chopra
छठ महापर्व की जय
पंजाब केसरी की डायरेक्टर व वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमती किरण चोपड़ा
Advertisement

आश्विन-कार्तिक मास हमारे आध्यात्मिक कर्म की सबसे बड़ी पहचान है। अभी पिछले दिनों अहोई अष्टमी, धनतेरस, दिवाली, गौवर्धन पूजा, विश्वकर्मा  पूजा और भाईदूज का पर्व सफल हुआ है तो अब छठ पूजा का पवित्र त्यौहार आ गया है। 27 अक्तूबर को छठ पर्व की पूर्व संध्या और समापन तक इस त्यौहार को लेकर पूरी दिल्ली, देश और दुनिया में क्रेज है। यह बात अलग है कि हमारे बिहारी भाई-बहनों में इस पर्व के प्रति जो आस्था है वह निश्चित रूप से भगवान सूर्यदेव और उनकी बहन षष्ठी देवी से भी जुड़ा है। कहने का मतलब यह पर्व प्रकृति से भी जुड़ा है। इस दिन नहाये-खाये अर्थात खुद को शुद्ध रखना और फिर सात्विक भोजन करने के बाद शक्ति प्राप्त करते हुए कठिन व्रत रखना और छठ के इस पर्व पर डूबते सूर्य को पानी में उतरकर अर्ध्य देना और अगले दिन सूर्य की पहली किरणों से भगवान सूर्य देव के दर्शन करना और माता षष्ठी मईया का आशीर्वाद लेना यह सब इसके आध्यात्मिक बिंदू हैं जो इस पर्व को और भी पवित्र बनाते हैं। इस मौके पर व्रत बहुत कठिन होता है और 36 घंटे के व्रत को निर्जल उपवास माना जाता है। यह आत्मसंयम और श्रद्धा का व्रत है। भगवान सूर्यदेव की आराधना से सुख-समृद्धि और संतान प्राप्त होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व की परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है। माता सीता ने सबसे पहले इस व्रत को किया था। वे सूर्यवंशी भगवान श्रीराम की पत्नी थीं और सूर्यदेव की आराधना के निमित्त उन्होंने मुद्गल ​ऋ​​िष के बताए अनुसार इस व्रत की शुरूआत की थी। उस समय यह पर्व छह दिनों तक चलता था जिसे अब घटाकर चार दिनों तक किया जाने लगा है। माता सीता ने सबसे पहले यह व्रत मुंगेर और सरयू नदी के किनारे किया था। आज वही परंपरा हर घर में, हर घाट पर दोहराई जाती है।
सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अपने-अपने घर पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशनों पर भीड़ का सैलाब उमड़ने लगता है लेकिन आज की तारीख में केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और उनकी टीम ने जो क्राउड मैनेजमेंट किया है उसकी तारीफ की जानी चाहिए। पिछले 15 दिन से वह सुबह और शाम नई दिल्ली और इससे जुड़े अनेक स्टेशनों का खुद दौरा करके लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दिलाने के लिए सक्रिय हैं और बिहार जाने के लिए पहले की तुलना में तीन गुना ज्यादा ट्रेनें लगा चुके हैं। इसी कड़ी में दिल्ली की मुख्यमंत्री बहन रेखा गुप्ता के द्वारा किये गये प्रबंधन की जितनी प्रशंसा की जाये वह कम है क्योंकि यमुना में पवित्र स्नान छठ महापर्व की एक परंपरा है। वह पिछले महीने से ही यमुना से जुड़े घाटों का दौरा कर रही हैं। सबसे बड़ी बात है कि यमुना के जल को शुद्ध किया जा रहा है। यह सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने पूरे कैबिनेट और दिल्ली के मेयर और उनकी टीम को सभी प्रमुख घाटों पर अच्छी व्यवस्था के आदेश दे रही हैं और इसके बाद खुद अपनी तमाम राजनीतिक व्यस्तताओं से ऊपर उठकर निरीक्षण भी करती रही हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि लोग सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों से बहुत संतुष्ट हैं। मुझे खुद अनेक संगठनों ने छठ महापर्व पर कई घाटों पर पूजन के लिए बुलाया है। महापर्व की पवित्रता को देखते हुए मुझे भगवान सूर्यदेव और षष्ठी माता की कृपा दृष्टि प्राप्त हो रही है। मैं सबके लिए कामना करती हूं कि भगवान सूर्यदेव सब पर कृपा करें। हालांकि इस कड़ी में जहां-जहां घाट बने हुए हैं वहां-वहां ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस की भी एक अहम भूमिका रही है और वह भी इसके लिए पूरी तैयारी के साथ डटी हुई  है। त्यौहार की आस्था एक अलग बात है वह हमारे में उमंग भरती है लेकिन मेरा मानना है कि प्रबंधन भी उच्च स्तर का होना चाहिए ताकि कोई भी हादसा वगैराह न हो। इस मामले में मुझे प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा की याद आ रही है जो छठ पर गाये हुए गीतों की बिहार कोकिला कहलाती हैं वो अब हमारे बीच नहीं हैं। हर घाट पर छठी मईया के उनके सुरीले गीत हमारी आस्था को और भी दर्शाते हैं। कुंभ हो, दशहरा हो, या बाजारों में किसी और मौके पर भीड़ हो या छठ जैसे महापर्व हो, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और घाटों पर कोई भी भगदड़ न मचे इसे लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार तथा अन्य राज्यों की सरकारें अपने-अपने यहां डटी हुई हैं और इस बार तैयारियां उच्च स्तर की हैं न सिर्फ यात्री घरों तक सुरक्षित पहुंचे बल्कि वे इस पर्व पर घाटों पर पूजा के दौरान हर सुविधाएं प्राप्त करते रहें यह काम सरकारों ने अच्छा किया है। छठी मईया और भगवान सूर्य हर किसी के जीवन में सुख समृद्धि लाए और जिस भावना से जिन भाई-बहनों ने कठिन व्रत रखा है प्रभु उनकी हर इच्छा पूर्ण करें लेकिन प्रशासन भी इस उच्च स्तरीय तैयारी के लिए बधाई का पात्र है। अब सरकार ने तो बहुत अच्छे इंतजाम कर दिए हैं अब हम सबको भी चाहिए पर्व का आनंद लें और अनुशासन का पालन करें। भगदड़ न मचे, सफाई का भी ध्यान रखें। पूरी आस्था और श्रद्धा से पर्व को मनाएं।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Kiran Chopra

View all posts

Advertisement
Advertisement
×