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गाजा में स्थायी संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई पर कोई समझौता नहीं हो पा रहा है। एक फलस्तीनी अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि इस सप्ताह मिले पेरिस समझौता प्रस्तावों को हमास द्वारा अस्वीकार किए जाने की आशंका नहीं है। लेकिन इजरायली बलों की गाजा से वापसी के आश्वासन के बिना इसपर उसके हस्ताक्षर की संभावना भी नहीं है। हमास ने कहा है वह सभी बिंदुओं पर विचार कर रहा है, जल्द ही प्रतिक्रिया देगा। कतर और मिस्त्र के मध्यस्थों ने इस सप्ताह हमास को गाजा में युद्ध रोकने को लेकर पहला ठोस समझौता प्रस्ताव दिया था।
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इस पर पिछले सप्ताह पेरिस में अमेरिका और इजरायल ने सहमति जताई थी। हमास ने कहा है कि वह प्रस्ताव के बिंदुओं का अध्ययन कर रहा है और इस पर जल्द ही प्रतिक्रिया देगा। पेरिस प्रस्ताव के तहत पहले चरण की 40 दिनों में पूरा होने की परिकल्पना है। इस दौरान युद्ध विराम रहेगा और हमास को शेष बचे 100 से अधिक बंधकों में से नागरिकों को रिहा करना होगा। इसके बाद अगले चरण में इजरायली सैनिकों की रिहाई और मृत बंधकों के शव सौंपने होंगे। फलस्तीनी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, उम्मीद है कि हमास प्रस्ताव को खारिज नहीं करेगा, लेकिन यह हो सकता है कि कोई निर्णायक सहमति भी न दे। वह चाहेगा कि इजरायल गाजा में युद्ध बंद कर वापस चला जाए। उधर, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह बंधकों की कीमत पर गाजा से वापस नहीं जाएगा।
इजरायली सेना खान यूनिस में फलस्तीन के ठिकानों को निशाना बनाने में जुटी है। फलस्तीनी लड़ाके भी जवाब दे रहे हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मध्य खान यूनिस के पास से इजरायली टैंकों के वापस जाने के बाद मेडिकल टीम ने वहां से 14 फलस्तीनियों के शव बरामद किए हैं। वहीं, इजरायल ने कहा है कि उसने खान यूनिस में दर्जनों आतंकियों को मार गिराया है। इसी तरह मध्य गाजा में इजरायल के हवाई हमले में दो लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा कि नसीर हास्पिटल के आसपास इजरायली बलों ने रात भर बमबारी की। फलस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, सात अक्टूबर से शुरू युद्ध में अब तक 27,019 फलस्तीनी मारे गए हैं।
नेतन्याहूइजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान बताया कि गाजा में किस तरह यूएन कर्मचारियों ने हमास आतंकियों की मदद की। कहा, जब समझौते के लिए यूएन इजरायल के पास आया था तो वह इसके लिए एक प्रमुख संगठन नहीं था। यह उपाधि देना अविश्वसनीय हो सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र स्वयं समझे कि यूएनआरडब्ल्यूए के मिशन को समाप्त करना होगा। अगर हम गाजा की समस्या को हल करना चाहते हैं तो हमें यूएनआरडब्ल्यूए की जगह अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य सहायता एजेंसियों को लाने की जरूरत है।