W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

पहलगाम आतंकी हमले में हमास-पाकिस्तान की मिलीभगत, खुफिया रिपोर्ट

पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका उजागर

02:58 AM Apr 26, 2025 IST | IANS

पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका उजागर

पहलगाम आतंकी हमले में हमास पाकिस्तान की मिलीभगत  खुफिया रिपोर्ट
Advertisement

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले में हमास और पाकिस्तान की आईएसआई का गठजोड़ उजागर हुआ है। चार हमलावरों की रणनीति और इजरायल में हमास के अटैक में समानताएं पाई गई हैं। सभी आतंकवादियों को पीओके में ट्रेनिंग मिली थी, जहां हमास ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थापित किया है।

आतंकवादी संगठन हमास और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के बीच घातक गठबंधन, पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर उजागर हुआ। खुफिया अधिकारियों ने पहलगाम हमले में चार हमलावरों (जिनमें से दो पाकिस्तान से थे) की रणनीति और अक्टूबर 2023 में इजरायल में हमास के बड़े अटैक में आश्चर्यजनक समानताएं पाई हैं।सूत्रों से पता चला है कि सभी चार आतंकवादियों को पीओके में ट्रेनिंग मिली थी। इस इलाके में हमास ने आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शिविरों में एक ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थापित किया, जिसे पूरी तरह से आईएसआई का समर्थन हासिल है।

फरवरी में, इजरायल की कैद से रिहा किए गए हमास नेताओं ने इस्लामाबाद के न्योते पर पाकिस्तान का दौरा किया था और उन्हें लश्कर और जैश आतंकवादियों से मिलने के लिए पीओके ले जाया गया था। हमास नेताओं को रावलकोट की सड़कों पर घोड़ों पर सवार करके मुक्तिदाताओं के रूप में घुमाया गया।

पहलगाम हमला: इटली, फ्रांस, मिस्र ने भारत को दिया समर्थन, PM मोदी से की बात

हमास के प्रवक्ता खालिद अल-कद्दौमी और नाजी जहीर के अलावा हमास नेता मुफ्ती आजम और बिलाल अलसलात रावलकोट रैली में मौजूद थे। रैली में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई तल्हा सैफ और दोनों संगठनों के कई अन्य शीर्ष आतंकवादी कमांडर भी शामिल थे। ‘कश्मीर एकजुटता और हमास ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड’ शीर्षक वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों ही पैन-इस्लामिक जिहाद के विषय हैं। इस दौरान भारत और इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की गई।

इजराइली राजदूत ने भी क्षेत्र में अशांति को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की सांठगांठ पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने 26 फरवरी, 2025 को आईएएनएस को दिएएक विशेष साक्षात्कार में कहा, “दुर्भाग्य से, आतंकवादी संगठन नेटवर्क में काम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे को समर्थन देने के तरीके ढूंढ लेते हैं, जो न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि कई देशों के लिए हानिकारक होता है। अजार ने कहा, “उदाहरण के लिए, कुछ सप्ताह पहले ही पीओके में हमास के नेताओं की एक बैठक हुई थी, जो यह बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं… जाहिर है, वे अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं, जो हमें और आपको आतंकित करना है। इसलिए, यह ऐसी चीज है जिस पर हमें ध्यान देना होगा।”

अजार ने गुरुवार को कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और 7 अक्टूबर को 2023 में हुए नरसंहार के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि हमास के आतंकवादियों को पाकिस्तान में आमंत्रित किया जाना भविष्य के लिए एक बुरा संकेत है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×