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Hanagal Gang Rape Case: जमानत के बाद आरोपियों ने निकाला जुलूस, तेजी से वायरल हो रहा VIDEO

हनागल गैंगरेप: आरोपियों का जुलूस निकालने पर जनता नाराज

04:14 AM May 23, 2025 IST | Shivangi Shandilya

हनागल गैंगरेप: आरोपियों का जुलूस निकालने पर जनता नाराज

हनागल गैंगरेप मामले में जमानत मिलने के बाद आरोपियों ने जुलूस निकालकर जश्न मनाया, जिससे जनता में भारी आक्रोश फैल गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अदालत में पीड़िता की पहचान न कर पाने के कारण आरोपियों को राहत मिली, जिससे मामले ने फिर से सुर्खियां बटोरी हैं।

Hanagal Gang Rape Case: कर्नाटक के हावेरी जिले के बहुचर्चित हनागल गैंगरेप मामले में 7 मुख्य आरोपियों को जमानत मिलने के बाद उन्होंने जुलूस निकालकर खुलेआम जश्न मनाया. यह जुलूस हावेरी उप-जेल से शुरू होकर शहर की मुख्य सड़कों से गुजरा. पांच गाड़ियों और बीस से ज्यादा समर्थकों के साथ निकाले गए इस काफिले में आरोपी विजय चिन्ह दिखाते और मुस्कुराते नजर आए. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद आम जनता में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. यह वीडियो एक्स पर @SonOfBharat7 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हावेरी की सत्र अदालत ने आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक अगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप छोटी और रियाज साविकेरी को जमानत दे दी. इसका कारण यह था कि पीड़िता अदालत में आरोपियों की सही पहचान नहीं कर पाई, जिससे अभियोजन पक्ष कमजोर पड़ गया.

क्या है मामला?

26 वर्षीय महिला पीड़िता एक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है और वह कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) में कार्यरत 40 वर्षीय ड्राइवर के साथ लंबे समय से रिश्ते में थी. दोनों अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं. 8 जनवरी 2024 को पीड़िता हनागल के एक होटल में ठहरी थी. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि वहां से महिला को जबरदस्ती उठाकर जंगल में ले जाया गया, जहां सात आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया.

पुलिस जांच और गिरफ्तारियां

11 जनवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज हुआ, जिसके बाद गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गईं. इस मामले में कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 12 को पहले ही 10 महीने पहले जमानत मिल चुकी थी. सात मुख्य आरोपियों को लंबे समय तक हिरासत में रखा गया था.

पुलिस ने इस मामले में डीएनए रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और 80 गवाहों के बयान जैसे ठोस सबूत इकट्ठा किए थे. लेकिन, पीड़िता की अदालत में पहचान न कर पाने की वजह से आरोपियों को राहत मिल गई. इसके बाद आरोपियों द्वारा निकाले गए जुलूस ने इस संवेदनशील मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है और आमजन न्याय की मांग कर रहे हैं.

जनता में आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग

सोशल मीडिया वायरल हो रहे वीडियो को देखने के बाद स्थानीय स्तर पर लोग आरोपियों के इस खुले जश्न पर आक्रोश जता रहे हैं. वे सरकार और न्यायपालिका से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके.

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