चीन में अब ज़िंदा चूहे के खाने से तेजी से फ़ैल रहा है हंता वायरस,एक की मौत जबकि दो संदिग्ध
चीन में तेजी से फैला कोरोना वायरस के बाद अब हंता वायरस की चपेट में लोग आ रहे हैं। इतना ही नहीं हंता वायरस की वजह से एक मौत का मामला भी सामने आया है।
03:54 PM Mar 26, 2020 IST | Desk Team
चीन में तेजी से फैला कोरोना वायरस के बाद अब हंता वायरस की चपेट में लोग आ रहे हैं। इतना ही नहीं हंता वायरस की वजह से एक मौत का मामला भी सामने आया है। अब लोग इस वायरस के बारे में खूब सर्च भी कर हैं। एक ओर जहां विश्वभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देख पूरे देशभर में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं चीन के यूनाना प्रांत से एक बस के माध्यम शैनडांग प्रांत जा रहे शख्स की बीते सोमवार हंता वायरस की चपेट में आने की वजह से मौत हो गई है।
दरअसल ये शख्स काम करने के लिए बस शाडोंग प्रांत जा रहा था और बस में उसके साथ बाकी के 32 बस यात्रियों की जांच करी गई। चीन एक अखबार के हवाले से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना की जानकारी देने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल कटा हुआ है।
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अब इस नए वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लोगों ने पहले से ही प्रयास करने शुरू कर दिए है। कई यूजर्स का तो कहना है कि अगर लोग चीन में जानवरों को खाना बंद नहीं करेंगे तब तक ऐसे तरह-तरह के वायरस हमेशा इंसानी जान के लिए खतरा बनते रहेंगे।
वैसे तो यह हंता नया वायरस कोरोना की तरह बेहद घातक नहीं है। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो यह कोरोना की तरह हवा यानी सांस के जरिए नहीं फैलता है। क्योंकि हंता वायरस चूहे या गिलहारी के संपर्क में आने से इंसान को अपना शिकार बना लेता है।
सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार चूहों की वजह से हंता वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। यदि कोई स्वस्थ्य इंसान भी हंता वायरस के संपर्क में आ जाता है तो उसके संक्रमित होने के पूरे-पूरे चांस होते हैं।
हालांकि हंता वायरस में ऐसा कोई खतरा नहीं है कि ये वायरस एक शख्स से दूसरे में जाता हो,मगर बावजूद इसके अगर कोई व्यक्ति चूहों के मल,पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख,नाक और मुंह को छू लेता है तो वह शख्स इस वायरस की चपेट में अवश्य आ सकता है।
इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार,सिरदर्द,बॉडी में दर्द,पेट दर्द,उल्टी,डायरिया आदि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह के लक्षण वाले संक्रमि शख्स को इलाज के लिए जरा भी देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसे में फेफड़ों में पानी भर जाने का खतरा ज्यादा रहता है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है।
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