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Hariyali Amavasya 2025: क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या? जानें पूजा विधि और इसके महत्व

12:48 PM Jul 24, 2025 IST | Shivangi Shandilya
Hariyali Amavasya 2025

Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या इस साल आज यानी 24 जुलाई को है। यह सावन के पवित्र महीने की अमावस्या तिथि है। यह आमतौर पर हर साल जुलाई या अगस्त में आती है। इसका गहरा धार्मिक महत्व है, यह त्यौहार विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करते हैं। भोलेनाथ से समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांगते हैं। बता दें कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 'हरियाली अमावस्या' को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं, यह दिन पूरे भारत में क्षेत्रीय नामों, रीती-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

यहां जानें Hariyali Amavasya 2025 Kab hai?

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जानें Hariyali Amavasya Ka Mahatva?

हरियाली अमावस्या हिंदू धर्म में आध्यात्मिक रूप से एक विशेष दिन है। जो हरियाली तीज के रंगीन व्रत से तीन दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के सावन माह में पड़ने वाला यह महीना भगवान शिव और मानसून के आगमन से जुड़ा हुआ है। हरियाली अमावस्या को अच्छी बारिश और फलदायी फसल की आशा का प्रतीक माना जाता है, और प्रकृति के साथ यह जुड़ाव इस दिन मनाए जाने वाले रीति-रिवाजों में झलकता है। कई लोग अपने पूर्वजों के सम्मान में पितृ तर्पण करते हैं और दान-पुण्य भी करते हैं, जिनसे आध्यात्मिक आशीर्वाद मिलता है।

यह भी पढ़ें:Hariyali Amavasya Daan 2025: हरियाली अमावस्या पर करें इन चीजों का दान, पापों से मिलेगी मुक्ति!

Hariyali Amavasya Upay

सौभाग्य और सफलता के लिए करें ये उपाय

गाय को हरा चारा खिलाएं

Hariyali Amavasya Upay

हरियाली अमावस्या पर आप गाय को खाना के हरा चारा खिलाएं। गाय को खाना देने से से आपकी सभी परेशानी दूर होती है। यह एक आध्यात्मिक उपाय भी है। कहा जाता है कि हरा चारा खिलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इससे आपके कर्म को मजबूती मिलती है। यह कार्य करने से श्री कृष्ण प्रशन्न होते हैं और आपको इसका आशीर्वाद भी मिलता है।

पितृ तर्पण करें

Hariyali Amavasya Upay

हरियाली अमावस्या पर आपको अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। काले तिल, जौ और जल का उपयोग करके हार्दिक प्रार्थना के साथ पितरों को अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि यह साधना पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करती है और पितृ ऋण या पितृ दोष से मुक्ति दिलाती है, जिससे अंततः आप स्पष्टता, सौभाग्य और दिव्य सहयोग के साथ आगे बढ़ पाते हैं।

हरी वस्तुओं का दान करें

हरियाली अमावस्या पर दान का बहुत महत्व है। ज़रूरतमंदों को हरे रंग की वस्तुए जैसे कपड़े, सब्ज़ियां या चूड़ियां दान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है। हरा रंग, जो बुध और प्रकृति से जुड़ा है, विकास और बुद्धि का प्रतीक है।

Disclaimer: ये सलाह सामान्य जानकारी के लिए दी गई है। पंजाब केसरी.कॉम किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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