हरजिंदर सिंह धामी को अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करना चाहिए: जत्थेदार श्री अकाल तख्त
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के समर्थन में बोले जत्थेदार रघबीर सिंह
ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त दमदमा साहिब से हटाए जाने के बाद शिरोमणि कमेटी और ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बीच तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। जिसके बाद शिरोमणि कमेटी की तरफ से एक अंतर कमेटी मीटिंग बुलाई गई और एक्ट 1925 के बारे में सारी जानकारी दी गई। साथ ही यह कमेटी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह के घर पहुंची और उन्हें इस बारे में सारी जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि उन्हें 1925 एक्ट के बारे में जानकारी मिली है और जिनके पास यह है उनका अधिकार क्षेत्र भी मिला है।
उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ खड़े हैं और यह पद उनके पक्ष में रखा गया है। और शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने मेरे पद के आधार पर इस्तीफा दे दिया और वह कहना चाहते हैं कि उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की दीवारों से जो सात सदस्यीय टीम में रखा गया है, उसे वह पूरा विचार दें और वह अपने इस्तीफे पर भी पूरा विचार करें। ज्ञानी रघबीर सिंह ने आगे कहा कि शिरोमणि कमेटी और शिरोमणि अकाली दल बहुत कुर्बानियां देने के बाद अस्तित्व में आए हैं और इसलिए हम सभी को सोच समझ कर बयान देने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल को बचाने के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उसका हरजिंदर सिंह धामी को समर्थन करना चाहिए। अगर उनके इस्तीफे की बात उठ रही है तो अगर उनका इस्तीफा गुरु के आदेशानुसार है तो जरूर दिया जाएगा।
ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के फैसलों के बारे में हर व्यक्ति इस बात पर ध्यान देता है कि श्री अकाल तख्त साहिब से जो भी फैसला आएगा वह अंतिम होगा, लेकिन कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कमेटी द्वारा उन्हें जो जानकारी दी गई है, उससे उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र का पता चल पा रहा है। उन्होंने जो पोस्ट डाली थी वह उनके निजी अकाउंट पर थी और शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने उसी पोस्ट के आधार पर इस्तीफा दिया था तथा वह चाहते हैं कि शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष उनका इस्तीफा स्वीकार न करें और अपना पदभार दुबारा संभाले क्योंकि वह एक ईमानदार,बेदाग अध्यक्ष हैं।