Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

Haryana: रेवाड़ी में डबल स्टैक कंटेनर और दो ट्रेन वाला एशिया का पहला टनल बनकर तैयार

09:16 PM Sep 23, 2024 IST | Pannelal Gupta

Haryana: डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के अंतर्गत हरियाणा के रेवाड़ी में एक किलोमीटर लंबा टनल बनाया गया है। इस टनल को डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन की फैसिलिटी के साथ बनाया गया है, जो इसको एशिया का पहला ऐसा टनल बनाता है। टनल को लेकर रेवाड़ी दादरी सेक्टर डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वाईपी शर्मा और डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशन कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने सोमवार को आईएएनएस से बात की।

हजार करोड़ रुपए की लागत

डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वाईपी शर्मा ने बताया कि यह हमारा डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन के लिए एक किलोमीटर लंबा टनल है, इस तरह का ये एशिया का पहला टनल है। इसको बनाने में दो वर्ष का समय और करीब 900 से 1,000 करोड़ रुपए की लागत लगी है। टनल के पीछे साढ़े छह किलोमीटर का डीप कट है और उसकी गहराई 30 से 35 मीटर है। उन्होंने आगे बताया कि टनल को बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आजकल कई अलग तरीके की टेक्निक आ रही है, जिससे उतनी परेशानी नहीं होती। लेकिन यहां पर आस-पास लोग रहते हैं, जिसके कारण हमने कंट्रोल ब्लास्टिंग करने का काम किया।

Advertisement

2,843 किलोमीटर लंबाई के दो कॉरिडोर

डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशन कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर बताया कि यह एक विशेष कॉरिडोर है, जो सिर्फ मालगाड़ियों के लिए बनाया गया है। 2,843 किलोमीटर लंबाई के दो कॉरिडोर हैं। एक पूर्वी कॉरिडोर है, जो लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू होकर के बिहार के सोननगर तक जाता है। दूसरा पश्चिमी कॉरिडोर है जो दादरी से शुरू होकर के मुंबई तक जाता है। 2,843 में से 2,741 किलोमीटर कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है, जो प्रोजेक्ट का 96.4 प्रतिशत है। अगले साल ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।

पीएम मोदी ने राष्ट्र को किया समर्पित

पीएम मोदी ने इसे 12 मार्च 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया था। दोनों कॉरिडोर को मिलाकर इस पर 350 से अधिक माल गाड़ियां हर रोज चल रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि इससे भारतीय रेलवे का कई तरीके से फायदा है। जो लोडिंग धीरे-धीरे रोड पर शिफ्ट हो रहा था, उसको वापस रेलवे पर शिफ्ट किया जा रहा है। ईंधन और पर्यावरण के हिसाब से रेल ट्रांसपोर्ट ज्यादा बेहतर है और ये तेज भी है। इसमें माल को नुकसान कम होता है। देश में लॉजिस्टिक्स कॉस्ट अभी 14 से 15 फीसदी है, भारत सरकार का पूरा प्रयास है कि इसको 10 प्रतिशत से कम किया जाए, जो अन्य राष्ट्रों के समकक्ष होगा। इससे ना केवल आम लोगों को सस्ती चीजें मिलेंगी बल्कि देश को अन्य लाभ भी होगा।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं

Advertisement
Next Article