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हरियाणा सरकार ने दिया जनता को अहम तोहफा, धर्मांतरण-रोधी विधेयक को किया पारित, कांग्रेस ने किया जमकर विरोध

हरियाणा विधानसभा ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के जरिए धर्मांतरण कराने के खिलाफ एक विधेयक मंगलवार को पारित किया।

05:06 PM Mar 22, 2022 IST | Desk Team

हरियाणा विधानसभा ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के जरिए धर्मांतरण कराने के खिलाफ एक विधेयक मंगलवार को पारित किया।

देश में धर्मांतरण के मामलों पर तेजी देखी जा रही थी जिसकों लेकर सरकार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन सरकार ने इस सरकार इस मुद्दे पर एक कानून लेकर आई हैं। हालांकि, हरियाणा विधानसभा ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के जरिए धर्मांतरण कराने के खिलाफ एक विधेयक मंगलवार को पारित किया। कांग्रेस ने विधेयक पर विरोध जताया और सदन से बर्हिगमन किया। विधानसभा में चार मार्च को पेश किया गया यह विधेयक मंगलवार को चर्चा के लिए लाया गया।इसी तरह के विधेयक हाल में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पारित किये गए थे।
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कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक 2022
हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के मुताबिक, अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिर्वतन किया जाता है तो एक से पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है।विधेयक के मुताबिक, जो भी एक नाबालिग या एक महिला अथवा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करता है या इसका प्रयास करता है तो उसे कम से कम चार साल जेल का सजा मिलेगी, जिसे बढ़ाकर 10 साल और कम से कम तीन लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा कानूनों में ही जबरन धर्मांतरण कराए जाने पर सजा का प्रावधान है, ऐसे में एक नया कानून लाए जाने की कोई जरूरत नहीं थी।
कांग्रेस ने  धर्मांतरण-रोधी विधेयक का विरोध
 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,  कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह हरियाणा के इतिहास में एक काला अध्याय होगा। जबरन धर्मांतरण पर सजा के प्रावधान वाला कानून पहले ही मौजूद है।”उन्होंने कहा, ” यह विधेयक सांप्रदायिक बंटवारे को और बढ़ाएगे, यह विधेयक डरावना है। इसके भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जिस तरह इस विधेयक को लाया गया, हमने उस पर आपत्ति जताई है।”कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कादियान ने कहा, ” इस विधेयक को लाने की इतनी कोई जल्दी नहीं थी। इस विधेयक में विभाजनकारी राजनीति की बू आ रही है जोकि अच्छा नहीं है।”
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