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हरियाणा कांग्रेस में जूतम-पैजार!

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10:23 AM Aug 02, 2017 IST | Desk Team

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चंडीगढ़: गुटबाजी के दलदल में फंसी हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर के बीच जूतमपैजार और हाथापाई होते-होते बची। एआईसीसी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री की मौजूदगी में यह विवाद संगठनात्मक चुनाव की चल रही तैयारियों के बीच चंडीगढ़ में हुआ। यह वाक्या ठीक उस समय हुआ जब 6 अगस्त से संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरु होने वाली है और जिलावार बैठकों का सिलसिला शुरु हो चुका है। कुल मिलाकर इस घटना से एक बार फिर साफ हो गया है कि हुड्डा व तंवर समर्थकों के बीच खाई पहले से ज्यादा चौड़ी हो चुकी है और इसका असर संगठनात्मक चुनाव पर साफ-साफ पड़ गया है और आने वाले दिन भी कांग्रेस के लिए कम चुनौती भरे नहीं रहेंगे।

मामला उस समय गर्म हो गया जब हुड्डा समर्थक विधायकों व नेताओं ने अपनी शिकायतें रखते हुए मतदाता सूचियों में भारी पैमाने पर गड़बड़झाला करने का आरोप जड़ दिया। उन्होंने सदस्यता अभियान के मामले में भी फर्जीवाड़े की शिकायतें करते हुए चुनाव प्रक्रिया को हाईजैक करने के आरोप लगाने शुरु कर दिए। हुड्डा समर्थकों ने कहा कि चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। सदस्यता फार्म जमा कराने वाले नेताओं को अब उनका रिकार्ड तक नहीं दिखाया जा रहा है। इस दौरान कलानौर से कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक, गोहाना से जगबीर मलिक, राई से जयतीर्थ दहिया और रोहतक से पूर्व कांग्रेस विधायक बीबी बतरा अपने-अपने तथ्य जोरजोर से बोलते रहे और इसी बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर के समर्थकों का मूड भी गर्मा गया और दोनों पक्षों में तू तू-मैं मैं शुरु हो गई।

गर्मागर्मी में नौबत हाथापाई तक पहुंचती दिखी तो चुनाव अधिकारी प्रदीप जैन, सहायक चुनाव अधिकारी हरपाल ठाकुर व जयेंद्र रमोला ने किसी तरह विवाद को रफा-दफा किया। मिस्त्री ने भी समस्याएं सुने जाने के दौरान तंवर समर्थकों की तरफ से अनावश्यक दखलंदाजी को देखते हुए उन्हें बाहर कर दिया। मंगलवार को कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के सीनियर सदस्य और एआईसीसी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री संगठनात्मक चुनाव के सिलसिले में विधायकों व नेताओं की शिकायतों व आपत्तियों की सुनवाई करने के लिए चंडीगढ़ आए थे। उनके साथ चुनाव अधिकारी प्रदीप जैन, सहायक चुनाव अधिकारी हरपाल ठाकुर व जयेंद्र रमोला भी थे। काबिलेगौर बात यह है कि विवाद के बीच उठाए गए मुद्दों पर मिस्त्री समेत अन्य केंद्रीय नेताओं से जवाब देते नहीं बना। हालांकि मिस्त्री ने बताया कि उनके पास कुल 69 शिकायतें आई हैं और सभी शिकायतों पर फैसला जरूर लेंगे।

(आहूजा)

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