'किसान आज दोहरी मार झेल रहा है...', हरियाणा में BJP पर बरसे AAP के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा
Haryana News: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा का किसान आज दोहरी मार झेल रहा है। एक ओर प्राकृतिक आपदा की दर्दनाक चोट और दूसरी ओर सरकार की लापरवाही। उन्होंने आरोप लगाया कि 2025 की बाढ़ में लाखों किसानों की फसल तबाह हो गई, लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार न तो सही तरीके से राहत प्रदान कर पाई और न ही समय पर मुआवजा जारी कर सकी।
Haryana News: 31 लाख एकड़ फसल नष्ट, लेकिन राहत नदारद
अनुराग ढांडा ने बताया कि इस साल आई विनाशकारी बाढ़ में 5.37 लाख किसानों की लगभग 31 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने उम्मीद की थी कि सरकार मुश्किल समय में उनका साथ देगी, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल उलट रही। उनके अनुसार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार न तो जमीनी स्तर पर कोई ठोस जांच करवा पाई और न ही किसानों को राहत राशि दे पाई। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ पोर्टल खोलने का दिखावा कर रही है, जबकि खेतों में नुकसान की सही रिपोर्ट पूरी ही नहीं हुई।
Haryana News Today: मुआवजा देने का वादा भी अधूरा
ढांडा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों से 30 नवंबर तक मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन दिसंबर शुरू हो चुका है और अभी तक किसानों के खातों में एक रुपया भी नहीं पहुँचा। उन्होंने बताया कि 8 जिलों में गिरदावरी अधूरी पड़ी है और फतेहाबाद जिले में 50–60 करोड़ रुपये की फाइलें अटकी हुई हैं। यह स्थिति सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करती है और किसानों के साथ विश्वासघात जैसी लगती है।
पंजाब से सीखने की जरूरत: AAP
अनुराग ढांडा ने हरियाणा सरकार की तुलना पंजाब सरकार से करते हुए कहा कि यदि नीयत साफ हो तो राहत समय पर पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि पंजाब में AAP सरकार ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को सिर्फ 30 दिनों में 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा सीधे उनके बैंक खातों में भेज दिया। यह राहत 2,508 गांवों और 3.5 लाख एकड़ क्षेत्र में दी गई। इसके मुकाबले हरियाणा का किसान अभी भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता फिर रहा है।
15,000 रुपये प्रति एकड़ को बताया मजाक
ढांडा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित 15,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा किसानों के साथ मजाक है, क्योंकि असल नुकसान इससे कई गुना ज्यादा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री किसानों की पीड़ा समझने के बजाय दूसरी चीजों में व्यस्त हैं, और यही संवेदनहीनता किसानों की परेशानी बढ़ा रही है।
खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान
उन्होंने यह भी कहा कि MSP पर लगातार धोखा मिलने के बाद अब खाद की कालाबाजारी ने किसान की कमर तोड़ दी है। 1,350 रुपये का खाद का कट्टा 2,000 रुपये में बिक रहा है, लेकिन सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
किसान पूछ रहा है, क्या सिर्फ पोर्टल खोल देना ही राहत देना होता है? क्या बाढ़ राहत की राशि कभी किसानों तक पहुंचेगी या फाइलों में ही अटकी रहेगी?
सरकार की नीयत, नीति और नेतृत्व, तीनों में कमी
अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा में किसानों की बदहाली का कारण सरकार की नीतियों की कमजोरी, इच्छाशक्ति की कमी, और नेतृत्व की विफलता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर हरियाणा सरकार को संकट के समय किसानों की मदद कैसे की जाए, यह समझ नहीं आ रहा है, तो उसे पंजाब की AAP सरकार से सीख लेनी चाहिए।

Join Channel