हरियाणा सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए हरियाणा अध्यादेश लाएगा
Haryana News: हरियाणा मंत्रिमंडल ने आज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बैठक की, जिसमें हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में संशोधन करने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) संशोधन अध्यादेश, 2024 के मसौदे को मंजूरी दी गई।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा अधिनियम
प्रस्तावित मसौदा अध्यादेश के अनुसार, अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग का अध्यक्ष उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होगा, यदि ऐसा नियुक्त किया जाता है, और यदि उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं किया जाता है, तो जिला न्यायाधीश, यदि ऐसा नियुक्त किया जाता है और यदि जिला न्यायाधीश भी नियुक्त नहीं किया जाता है, तो आयोग के तीन चयनित सदस्यों में से एक अपनी वरिष्ठता के क्रम में या तो सेवा में या बार में, जैसा भी मामला हो, अध्यक्ष होगा और अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल उसके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बैठक की
वर्तमान में चेयरमैन की नियुक्ति इस योग्यता के साथ की जाती है कि अपनी सेवानिवृत्ति या त्यागपत्र के समय वह जिला न्यायाधीश रहे हों तथा उनकी सेवानिवृत्ति के समय तक उन्हें जिला न्यायाधीश के रूप में कम से कम 10 वर्ष का अनुभव हो। हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है, जिसके निर्णय अंतिम होते हैं। गुरुद्वारा संपत्ति, इसके कोष तथा गुरुद्वारा कमेटी, कार्यकारी बोर्ड या किसी अन्य संस्था के बीच किसी भी अन्य विवाद का निपटारा आयोग द्वारा किया जाता है। इसलिए यह उचित समझा गया है कि आयोग के सदस्य तथा चेयरमैन के रूप में नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश पर भी विचार किया जाए। इसके अलावा अध्यादेश में धारा 46 की उपधारा (1) के खंड (iv) में निर्धारित 65 वर्ष की आयु सीमा को भी हटा दिया गया है। उक्त संशोधन हरियाणा अधिनियम 22/2014 की धारा 46 में किए गए हैं।
(Input From ani)
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।