चंडीगढ़ में क्या होगा खेला? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के मेयर ने दिया इस्तीफा, आप के तीन पार्षद बीजेपी में हुए शामिल
चंडीगढ़ में हाल ही में हुए मेयर के चुनाव को लेकर खूब हंगामा देखने को मिला था। अब ये खबर सामने आ रही है कि चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है इस्तीफे की खबर ऐसे समय में आई है, जब तीन विपक्षी पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
आप पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा पर फर्जी तरीके से अपना मेयर बनाने का लगाया था आरोप
वही , इसको लेकर आप पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा पर फर्जी तरीके से अपना मेयर बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार की सुनवाई से पहले इस्तीफा दे दिया है। पंजाब बीजेपी अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने इसकी पुष्टि की। इस बीच, चंडीगढ़ में आप पार्टी के 3 पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
आप पार्टी के 3 पार्षद ने थामा भाजपा का दामन
बता दे कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने आप पार्टी के इन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने की तस्वीरों को शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनकल्याणकारी नीतियों से प्रभावित होकर चंडीगढ़ से आम आदमी पार्टी की पार्षद पूनम देवी, नेहा और गुरचरण काला जी आज दिल्ली में भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने आगे कहा कि आप ने उनके साथ धोखा किया है, लेकिन भाजपा उन्हें बिना किसी झूठे वादे के उनकी क्षमता के अनुसार न्याय देगी। भाजपा परिवार में आप सभी का स्वागत है। हम साथ मिलकर चंडीगढ़ के नागरिकों की बेहतरी के लिए काम करेंगे।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर लगातार राजनीतिक घमासान
आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर लगातार राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा की जीत को फर्जी बताया जा रहा है। वही, इस चुनाव में धांधली की बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब भी जारी है। मेयर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होने जा रही है। बता दें कि भाजपा आप पार्टी के 3 पार्षदों को अपने साथ शामिल कर अपनी संख्या को यहां मजबूत करना चाहती है। साथ ही ऐसा कहा जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भाजपा वर्तमान में मेयर मनोज सोनकर का इस्तीफा दिलवा सकती है। ऐसा करके भाजपा खुद से दोबार मेयर चुनाव की पेशकश कर सकती है।
19 फरवरी को अगली सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान जो हुआ वह लोकतंत्र का मजाक था और कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को अगली सुनवाई की तारीख 19 फरवरी को उपस्थित होने के लिए कहा था।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सुप्रीम ने कहा कि अपने चुनाव अधिकारी से कह दीजिए कि सुप्रीम कोर्ट की आप पर नजर है। हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। इस देश में अगर लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली कोई व्यवस्था है तो वह चुनाव ही है।