Haryana को मिलेगा उसका पानी का हक: सीआर पाटिल
सीआर पाटिल ने कहा, हरियाणा को मिलेगा उसका पानी का हक
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने ‘जल शक्ति अभियान कैच द रेन-2025’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि हरियाणा को उसका पानी का हक मिलेगा। उन्होंने बताया कि अंतर-राज्यीय मुद्दों को हल करने के लिए संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने शनिवार को जिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में राष्ट्रव्यापी अभियान ‘जल शक्ति अभियान कैच द रेन-2025’ का शुभारंभ किया, एक विज्ञप्ति में कहा गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीआर पाटिल ने कहा कि हरियाणा को पानी का उसका उचित हिस्सा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अंतर-राज्यीय मुद्दों को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बार ये मुद्दे सुलझ जाने के बाद, हरियाणा को वह पानी मिलेगा जिसका वह हकदार है।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सिंचाई एवं हरियाणा जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी भी मौजूद थीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल संरक्षण एवं भण्डारण को बढ़ावा देने के लिए सैनी ने वर्ष 2025-26 के लिए राज्य बजट में विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की है। हरियाणा की जल किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र व हरियाणा सरकार मिलकर संकल्पबद्ध तरीके से काम करेंगी। सी.आर. पाटिल ने कहा कि हरियाणा एक प्रगतिशील राज्य है जो अपनी जलापूर्ति के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है। यहां वर्षा भी कम होती है।
ऐसे में सरकार व नागरिकों दोनों को इस बात की चिंता करने की आवश्यकता है कि भविष्य में यहां जल की किल्लत न हो। इसलिए जनभागीदारी के साथ केंद्र व हरियाणा सरकार मिलकर राज्य में जल किल्लत की समस्या को हल करने के लिए संकल्पबद्ध तरीके से काम करेंगी। सी.आर. पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने की बात कही थी और आज का कार्यक्रम उसी का प्रतिबिंब है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय की मांग है कि जल को बचाया जाए, क्योंकि जल को बनाया नहीं जा सकता। जल ही पहला मापदंड होगा, जिसके आधार पर आने वाली पीढ़ियां हमारा मूल्यांकन करेंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य के लिए जल संरक्षण को सुरक्षित करने के लिए हमें विभिन्न योजनाएं बनाकर और विभिन्न तरीकों से प्रयोग करके जल भंडारण में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने सूरत में एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहा था कि जल संरक्षण और जनभागीदारी को एक जन आंदोलन में बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी समुदाय, विशेष रूप से प्रवासी व्यापारियों को अपने प्रयासों के माध्यम से अपनी मातृभूमि में योगदान देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने सूरत में हरियाणा के व्यापारियों से बात की और उन्होंने आने वाले दिनों में हरियाणा के गांवों में जल संरक्षण पर काम करने के लिए अपने संसाधनों को खर्च करने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण पानी की कमी की बढ़ती समस्या को कम किया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की 25 लाख महिलाओं को उनके गांवों और घरों में आने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया और उन्हें किट प्रदान की गईं। हालांकि कांग्रेस के 70 साल के शासन के दौरान कभी किसी को प्रशिक्षित करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि सरकार ने कभी लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचाया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं को दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है और कई बार तो पानी पीने लायक भी नहीं होता। उनके लिए पानी की गुणवत्ता के बारे में चिंता करना असंभव है।