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India GDP: क्या धीमी पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार? दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट घटी

India GDP Data : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए आज जीडीपी ग्रोथ रेट का डेटा जारी करेगा। यह 6.5 फीसदी रह सकता है।

10:34 AM Nov 29, 2024 IST | Ranjan Kumar

India GDP Data : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए आज जीडीपी ग्रोथ रेट का डेटा जारी करेगा। यह 6.5 फीसदी रह सकता है।

India Q2 GDP Growth 2024 Live : चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर धीमी रह सकती है। जुलाई से सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। यह पिछली 18 तिमाही में सबसे कम है। खाद्य वस्तुओं के दामों में उछाल के कारण शहरी इलाकों में खपत घटी है। इससे आर्थिक विकास दर की रफ्तार के धीमे पड़ने की आशंका है।

6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय आज शाम 4.30 बजे मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी डेटा जारी करेगा। इससे पहले रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने इस तिमाही में 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था। यह पहली तिमाही के 6.7 फीसदी से कम ही है। भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी के अनुमान से भी कम है। ये अनुमान सही साबित हुए तो यह लगातार तीसरी तिमाही होगी, जब आर्थिक ग्रोथ रेट की रफ्तार धीमी पड़ेगी। वैसे, इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाली इकोनॉमी रहेगी।

शहर में कम खर्च कर रहे लोग

आरबीआई ने अनुमान जताया है, जो 2023-24 के 8.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट से कम है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि खाद्य महंगाई में तेज उछाल, महंगा कर्ज और वेतन के कम बढ़ने से शहरी इलाकों में लोग घरेलू खर्च कम कर रहे हैं। इस कारण निजी खपत प्रभावित हुआ, जिसका जीडीपी में 60 फीसदी योगदान है। वैसे, ग्रामीण इलाकों में शहरों के मुकाबले मांग बढ़ी है।

महंगाई के चलते घटी खपत

अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी को पार कर 6.21 फीसदी पर पहुंची है, जो आरबीआई के टोलरेंस बैंड से अधिक है। अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर में भी तेज उछाल दिखा है। ये दहाई अंकों को पार कर 10.87 फीसदी पर पहुंची है। इस चलते घरेलू पर्चेंजिंग पावर प्रभावित हुआ है।

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