Hasrat Mohani Poetry: शायरी के जादुगर हसरत मोहानी के खजाने से 8 खुबसूरत शेर
शायरी के जादुगर हसरत मोहानी के 8 बेहतरीन शेर
09:31 AM Mar 05, 2025 IST | Khushi Srivastava
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आरज़ू तेरी बरक़रार रहे
दिल का क्या है रहा रहा न रहा
ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की
दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ
चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ
कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास
देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न
आया मेरा ख़याल तो शर्मा के रह गए
आप को आता रहा मेरे सताने का ख़याल
सुलह से अच्छी रही मुझ को लड़ाई आप की
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