दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल न देने पर भी लगाया जुर्माना! HC ने सरकार से मांगा जवाब
Delhi High Court: दिल्ली में पूरानी गाड़ियों पर सरकार का डंडा चल रहा है। 1 जुलाई से लागू हुए नए नियम के अनुसार, 10 से 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सड़क पर चलने की इजाजत नहीं है, जिस कारण पेट्रोल पंपों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल ने दे। पेट्रोल पंप मालिक भी इस नियम का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल नहीं दे रहे हैं। इसके बावजूद दिल्ली सरकार इन पेट्रोल पंप मालिकों पर जुर्माना लगा रहे हैं, जिससे नाराज होकर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिकाकर्ताओं की दलील
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी को नोटिक जारी कर जवाब मांगा है। 1 जुलाई से दिल्ली में पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल न दिए जाने का आदेश "कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट" द्वारा लागू कर दिया गया है। इस निर्देश को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग, पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने मिलकर एक विस्तृत योजना तैयार की है।
हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने निर्देश की मंशा का समर्थन करते हुए यह आपत्ति उठाई है कि पेट्रोल पंप संचालकों पर ऐसे नियम लागू किए जा रहे हैं जिनके पालन का अधिकार और जिम्मेदारी उनके पास नहीं है।
क्या नियम पेट्रोल पंप मालिकों पर लागू होते हैं?
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में तर्क दिया कि पेट्रोल पंप संचालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 192 के तहत कार्रवाई की जा रही है, जबकि यह प्रावधान उनके ऊपर लागू नहीं होता। वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने की जिम्मेदारी पेट्रोल पंप मालिकों को दी जा रही है, जो उनके कार्यक्षेत्र से बाहर है।
इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि किसी अनजाने में हुई गलती पर भी पेट्रोल पंप संचालकों को दंडित किया जा रहा है। पंप मालिकों ने यह भी बताया कि एक पेट्रोल पंप पर रोज़ाना करीब 3,000 गाड़ियां ईंधन भरवाने आती हैं और कई बार एक साथ कई नोज़ल से पेट्रोल या डीजल डाला जाता है, जिससे गलती की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता।
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