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'उन्होंने बढ़ा-चढ़ाकर बताया, परमाणु ठिकानों को...', ट्रंप के दावे को Iran ने झुठलाया

08:51 PM Jun 26, 2025 IST | Amit Kumar
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Iran: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. खामेनेई ने यह टिप्पणी सीजफायर के बाद दिए गए अपने पहले सार्वजनिक भाषण में की. उनका कहना था कि ट्रंप के दावे झूठे थे और ईरान की परमाणु सुविधाओं को हुए नुकसान की सच्चाई कुछ अलग थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों, जैसे फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट कर दिया है. ट्रंप ने यह भी कहा था कि यह काम केवल अमेरिका ही कर सकता है और ईरान को बिना किसी शर्त सरेंडर करना चाहिए. ट्रंप की इस धमकी से ईरान की राजनीति में हलचल मच गई थी, लेकिन खामेनेई ने इसको सिरे से नकार दिया है.

इजराइल पर विजय का दावा

अपने भाषण में खामेनेई ने इजराइल पर ईरान की 'विजय' का भी जिक्र किया. उन्होंने इजराइल को इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ की गई कार्रवाई के बावजूद नाकामयाब बताया. खामेनेई ने कहा कि अमेरिका और इजराइल कभी भी ईरान के सामने झुकने नहीं आएंगे और ईरान कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेगा. उनके अनुसार, ईरान की ताकत का सामना करना इजराइल के लिए असंभव है और यह समय ईरान की बड़ी जीत का प्रतीक है.

युद्ध विराम के बाद खामेनेई का पहला बयान

यह बयान युद्ध विराम के दो दिन बाद आया था. ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चलने वाला यह युद्ध इतिहास में सबसे खतरनाक और विनाशकारी टकराव था. युद्ध विराम के बाद खामेनेई ने कहा कि अमेरिकी हमले ईरान की परमाणु सुविधाओं को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाए और अमेरिका इस युद्ध में कोई खास लाभ प्राप्त नहीं कर सका. उनका यह भी कहना था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने घटनाओं को बिना किसी ठोस आधार के बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है.

देखें पोस्ट: https://x.com/khamenei_ir/status/1938189238324941169

अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई का संकेत

खामेनेई ने आगे कहा कि इस्लामिक गणराज्य के पास क्षेत्र में प्रमुख अमेरिकी ठिकानों तक पहुंच है और जब भी जरूरत पड़ी, वे इन ठिकानों पर हमले करने में सक्षम हैं. उन्होंने कतर में स्थित अमेरिकी एयर बेस को लक्ष्य बनाने की बात की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई भविष्य में भी की जा सकती है. उनका यह भी कहना था कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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