Pakistan के लिए सिरदर्द बने उसके पाले आतंकी, देश में दहशत का महौल, अब उठाया...
Pakistan: पाकिस्तान ने जिन आतंकियों को वर्षों तक समर्थन दिया, अब वही उसके लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में सेना के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. यह हमला उस तरीके से किया गया, जैसा 2019 में भारत के पुलवामा में हुआ था. आतंकियों ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सेना के वाहनों में टकरा दिया, जिससे बड़ा धमाका हुआ. इस आत्मघाती हमले में पहले 16 सैनिकों की मौत की खबर आई, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या 19 हो गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान से सटी गुलाम खान सीमा चौकी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. यह फैसला सुरक्षा कारणों के चलते लिया गया है. यह सीमा उत्तर वजीरिस्तान को अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत से जोड़ती है और व्यापार तथा यातायात का अहम रास्ता मानी जाती है.
उत्तरी वजीरिस्तान में कर्फ्यू
हमले के बाद पाकिस्तान ने उत्तरी वजीरिस्तान में कर्फ्यू लगा दिया है. इससे वहां की स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में लाने के लिए यह कदम उठाया गया है. अफगान सीमा बल के प्रवक्ता अबिदुल्लाह फारूकी ने इस बात की पुष्टि की कि गुलाम खान सीमा चौकी को पाकिस्तान ने बंद कर दिया है. हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसके पीछे का पूरा कारण स्पष्ट नहीं किया है. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सभी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने को कहा गया है.
व्यापार और यातायात पर असर
यह बॉर्डर व्यापार और आम लोगों के आना-जाना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान द्वारा सीमा बंद करने के कारण व्यापारियों और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अफगानिस्तान प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक इस सीमा मार्ग का उपयोग न करें.
फिर से कब खुलेगा बॉर्डर?
पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से यह नहीं बताया गया है कि सीमा दोबारा कब खोली जाएगी. यह स्थिति दर्शाती है कि पाकिस्तान अब अपने ही बनाए आतंकी नेटवर्क से परेशान हो चुका है और उसे अब सुरक्षा के गंभीर खतरे महसूस हो रहे हैं.