हैल्थ इज वैल्थ...
शरीर की चुस्ती-फुर्ती बनाए रखना आज के जमाने में बहुत जरूरी है। पहले के समय में…
शरीर की चुस्ती-फुर्ती बनाए रखना आज के जमाने में बहुत जरूरी है। पहले के समय में और आज के समय में जहां तक जीवनशैली की बात है बहुत परिवर्तन आ चुका है। आज लोग खुद को बहुत ज्यादा तनाव में पाते हैं। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक तनाव के अलग-अलग रूप हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जिस भारत देश में दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा युवा हों वहां उन्हीं युवाओं के बीच या बच्चों के बीच या महिलाओं के बीच मोटापा भी बढ़ रहा है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण अर्थात एफएसएसएआई ने पूरे देशवासियों से मोटापे की बढ़ती समस्या के बारे में जागरूक बनने की अपील भी जारी की है। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि मोटापा सचमुच एक बड़ी समस्या है लेकिन शरीर में बढ़ती चर्बी को कम करने के साथ-साथ कंट्रोल भी किया जा सकता है और यह सब अपने खानपान की शैली से संभव किया जा सकता है। हालांकि युवा पीढ़ी में आजकल योगा तथा जिम के प्रति क्रेज भी बढ़ रहा है जो कि अच्छी बात है।
हालांकि डाॅक्टर आज के समय में बहुत ज्यादा सतर्क हैं और वे लोगों को अलर्ट भी करते रहते हैं। डाॅक्टरों का मानना है कि मोटापा आने के पीछे कई कारण हैं। ज्यादा खाना-पीना और ज्यादा चीनी का प्रयोग करना इसके अलावा शारीरिक कसरत न करना भी मोटापे को खुला आमंत्रण है। मुझे आज भी याद है जब हम स्कूल में पढ़ते थे तब पीटी ड्रिल का एक अलग पीरियड प्रतिदिन हुआ करता था जिसमें बच्चों को शारीरिक फिटनेस के तहत हल्के-फुल्के व्यायाम कराए जाते थे। हर महीने अलग-अलग कंपीटीशन हैल्थ फिटनेस को लेकर भी कराए जाते थे, चाहे वह दौड़ हो या जंप संबंधी प्रतिस्पर्धा। आज का समय पुरानी परंपराओं से बहुत आगे निकल आया है। आज दुनिया कंप्यूटर को अंगीकार कर चुकी है। स्कूल से लेकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी, घर से लेकर बाजार तक जीवन के हर क्षेत्र में मोबाइल का चलन बढ़ गया है। दु:ख इस बात का है कि छोटे बच्चों में मोबाइल के प्रति क्रेज इस कदर है कि वे कई-कई घंटों मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं। उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो रही हैं और सब कुछ मोबाइल पर केंद्रित होकर रह गया है। न्यूयॉर्क के कई वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि यूथ में मोटापा बढ़ने का बड़ा कारण मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल ही है। इतना ही नहीं कार्यालयों में कुर्सी पर चिपकर बैठे रहना और एक्सरसाइज न करना यह भी मोटापे का एक बड़ा कारण है। इस कड़ी में मैं पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का उल्लेख करना चाहूंगी जिसमें उन्होंने बढ़ते मोटापे की समस्या पर चिंता की है और लोगों को तेलीय चीजों का सेवन सोच-समझकर करने की चेतावनी भी दी है। मोदी जी ने तो यह तक कह दिया कि अगर अपने खान-पान में दस प्रतिशत तेल की कमी कर दें तो मोटापा कंट्रोल किया जा सकता है। आज भी खुद प्रधानमंत्री 74 की उम्र पार कर लेने के बाद भी बहुत फिट हैं। आजकल आईपीएल में धूम मचा रहे विराट कोहली जो 36 की उम्र पार कर रहे हैं की फिटनेस देखकर लगता है कि वह 23-24 साल के युवा हों। इतना ही नहीं 40 वर्ष के महेंद्र सिंह धोनी भी अभी तक खेल रहे हैं और उनका फिटनेस लेवल भी कमाल है। आस्ट्रेलिया के रिंकी पोंटिंग या 70 की उम्र पार कर चुके सुनील गावस्कर अभी तक फिट नजर आते हैं। कहने का मतलब यह है कि शारीरिक कसरत करते रहो और फिट रहो।
मेरी तो इच्छा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय हैल्दी इंडिया अर्थात स्वस्थ भारत अभियान चलाकर लोगों को प्रात:कालीन सैर और शारीरिक कसरत के लिए जागरूकता का अभियान चलाए तो यह देश के लिए बहुत अच्छा होगा। अगर देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान हिट हो सकता है तो हैल्दी इंडिया अभियान भी हिट हो सकता है। स्कूलों और कॉलेजों में बराबर सब की शुगर टेस्ट और फिटनेस को लेकर जागरूकता फैलायी जाये तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। दिल्ली में पिछले दिनों केंद्रीय सलाहकार समिति अर्थात सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी ने भी बच्चों के शुगर लेवल चैक करने की जरूरत पर जोर दिया है। इस हैल्दी इंडिया अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जाना चाहिए इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। जो हैल्दी है वह हिट है और वही फिट है। यह मंत्र आज के उन लोगों को मान लेना चाहिए जो मोटापे से जूझ रहे हैं। नई पीढ़ी को भी इस दिशा में आगे चलना होगा और इस तरह मोटापे पर विजय पायी जा सकती है। मोटापा सारी बीमारियों की जड़ है। स्वस्थ शरीर में एनर्जी का वास होता है और यही ऊर्जा मानसिक रूप से भी किसी को भी खुश रख सकती है।