IndiaWorldDelhi NCRUttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir BiharOther States
Sports | Other GamesCricket
HoroscopeBollywood KesariSocialWorld CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

चिकनगुनिया रोगी को 3 माह तक जान का खतरा, Lancet Study ने किया चौंकाने वाला खुलासा

03:07 PM Feb 15, 2024 IST
Advertisement

चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित लोगों को संक्रमण के तीन महीने बाद तक मौत का खतरा बना रहता है। ‘द लांसेट इन्फेक्शियस डिजीजेज़’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात की जानकारी दी गयी। चिकनगुनिया एक वायरल रोग है, जो इंसानों को मच्छरों के काटने से होता है। अक्सर वायरस एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है। इस बीमारी को आमतौर पर पीतज्वर (येलो फीवर) भी कहा जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ज्यादातर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी चिकनगुनिया रोग घातक सिद्ध हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस संक्रमण के ज्यादातर मामले सामने नहीं आ पाते किंतु 2023 में दुनियाभर में तकरीबन पांच लाख मामले और 400 से ज्यादा लोगों ने चिकनगुनिया से अपनी गंवाई।

लंबे समय तक जान का खतरा

ब्रिटेन की ‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिक्ल मेडिसिन’ (LSHTM) में प्रोफेसर और अध्ययन की वरिष्ठ शोधकर्ता एनी दा पैक्साओ क्रूज ने बताया, चिकनगुनिया संक्रमण के बढ़ने की संभावना के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि संक्रमण के उच्च स्तर के समाप्त होने के बाद भी जारी खतरे पर गौर करें। शोधकर्ताओं ने ब्राजील के 10 करोड़ लोगों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल कर चिकनगुनिया के करीब डेढ़ लाख मामलों का विश्लेषण किया। शोध के नतीजे दर्शाते हैं कि इस वायरस से संक्रमित लोगों को तीव्र संक्रमण की अवधि समाप्त होने के बाद भी जटलिताओं का खतरा बना रहता है। तीव्र संक्रमण की अवधि लक्षणों के दिखाई देने के बाद आमतौर पर 14 दिनों की होती है।

चिकनगुनिया का नहीं कोई परमानेंट इलाज

शोधकर्ताओं ने बताया कि पहले सप्ताह में संक्रमित व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के मुकाबले मृत्यु का जोखिम आठ गुना तक होता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के तीन महीने बाद तक जटिलताओं से मृत्यु का खतरा दोगुना होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और तीव्र गति से बढ़ रही मानवीय गतिविधियों के कारण एडीज जनित रोगों के बढ़ने और दूसरे इलाकों में फैलने का खतरा भी ज्यादा है। इस लिहाज से चिकनगुनिया रोग जन स्वास्थ्य के लिए एक बढ़ते खतरे के रूप में दिखाई दे रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, चिकनगुनिया को रोकने या फिर संक्रमण के बाद इस बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि पिछले वर्ष नवंबर में 'US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन' ने दुनिया की पहली वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की थी।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article