China Mysterious Disease: Pulmonary हेड का दावा, चीन से इंफेक्शन का कोई खतरा नहीं
China Mysterious Disease: चीन में लोगों को विशेष रूप से बच्चों को अपनी चपेट में लेती बीमारी माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू दिन प्रतिदिन घातक होती जा रही है जिसको लेकर भारत के लोगों में भी डर बना हुआ है लेकिन हाल ही में सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने यह कहते हुए लोगों को राहत दी है कि यह Respiratory Disease भारत के लिए कोई खतरा नहीं है, उन्होंने कहा कि हम इसके लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
- चीन में फैलती बीमारी दिन- प्रतिदिन घातक होती जा रही है
- डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने बताया है कि Respiratory Disease भारत के लिए कोई खतरा नहीं है
- उन्होंने कहा कि हम इसके लिए अच्छी तरह से तैयार हैं
- भारत के लिए कोई खतरा नहीं क्योंकि हमारे पास पिछला अनुभव है
बताया आम वायरस
उन्होंने बताया कि, भले ही यह एक नया वायरस (China Mysterious Disease) है मैं फिर भी व्यक्तिगत रूप से भारत के लिए कोई खतरा नहीं देखता क्योंकि हम पहले ही अच्छी तरह से तैयार हैं क्योंकि हमारे पास हमारा पिछला अनुभव है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने श्वसन संक्रमण से जुड़े कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं, इनको लेकर सतर्क रहें। चीन में बड़ी संख्या में खासकर बच्चों में श्वसन संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, और वहां अस्पताल के वार्ड भर चुके हैं। इसको लेकर डॉक्टर गुप्ता ने बताया, कि यह केवल आम वायरस में से एक है जो मौजूद है और यह चीन में क्यों हो रहा है, तो इसके पीछे यह कारण है कि पिछले तीन वर्षों में बहुत गंभीर लॉकडाउन स्थितियां बनी हैं, जिसके कारण किसी तरह बच्चों की इम्युनिटी कम हो गई है, जिससे यह बीमारी इतनी फ़ैल रही है।
सर्दियों से जुड़ा हो सकता है वायरस- डॉक्टर
Pulmonologist ने कहा कि इस बात की संभावना है कि चीनी आबादी के एक वर्ग को टीका नहीं लगाया गया था, जिससे यह बीमारी फ़ैल सकती है। उन्होंने कहा, अब यह माना जाने लगा है कि यह शायद रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस है या हो सकता है कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया एक सामान्य वायरस है जिसमें सामान्य बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, यही कारण है कि वे अपना सिर ऊपर उठा रहे हैं, शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों की इम्युनिटी कम हो गई है। इसके अलावा, सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर ने यह भी कहा कि संक्रमण का प्रकोप सर्दियों के मौसम से भी जुड़ा हो सकता है, जहां एलर्जी की प्रवृत्ति बहुत अधिक होती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे लापरवाह न बनें और सतर्क रहें, खासकर मास्क पहनकर और बहुत अधिक सामाजिक समारोहों से बचें।
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