India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

तेजी से बढ़ रहा है डेंगू-मलेरिया, सर्दी-खांसी से अलग हैं इनके लक्षण, ऐसे करें पहचान

12:56 PM Apr 26, 2024 IST
Advertisement

Health Tips: मौसम में बदलाव होने लगा है। अप्रैल के महीने में अचानक बारिश देखने को मिली है। ऐसे में खुद और अपने परिवार को सेहतमंद रखने के लिए कुछ एक्स्ट्रा एफर्ट्स डालना बेहद जरूरी हो जाता है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है जिसकी वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा भी रहता है।

Highilights

बढ़ रहा है मलेरिया

मलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाली खतरनाक बीमारी है। आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 तक दुनिया में करीब 25 करोड़ लोग मलेरिया की चपेट में आए थे, जिनमें से 5 करोड़ से ज्यादा की मौत हो गई थी।भारत में कुछ सालों में मलेरिया के केस में कमी आई है लेकिन फिर भी संख्या ज्यादा कम नहीं है। ऐसे में आइए जानते हैं मलेरिया क्यों इतना खतरनाक माना जाता है, इसकी पहचान कैसे करें और इलाज क्या है।

मलेरिया क्यों खतरनाक

ज्यादा गर्मी और बारिश के मौसम में मलेरिया ज्यादा खतरनाक बन जाती है। आज भी बहुत से लोग इस बीमारी के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते हैं। चूंकि बारिश के मौसम में कई और बीमारियां फैलती हैं। सर्दी-जुकाम, खांसी की वजह से मलेरिया के लक्षणों की सही तरह पहचान नहीं हो पाती है। इस कारण कई केस देरी से पकड़ में आते हैं और मौत का कारण बन जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मलेरिया के लक्षण क्या होते हैं।

ऐसे करें मलेरिया की पहचान

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मलेरिया होने पर तेज बुखार के साथ हल्की-हल्की ठंड लगती है। कुछ लोगों को बहुत ज्यादा थकावट और उल्टी-दस्त की समस्या होती है। जब इसके लक्षण गंभीर होते हैं तो सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी आने लगती है। वहीं, नॉर्मल सर्दी या वायरल बुखार में सांस लेने में परेशआनी या उल्टी-दस्त की समस्या नहीं होती है। सामान्य बुखार में मांसपेशियों में दर्द या हल्की ठंड भी नहीं लगती है।

मलेरिया फैलने का कारण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मलेरिया मच्छर से होने वाली बीमारी है, हालांकि, इसके फैलने के दूसरे कारण भी हो सकते हैं। जैसे- अगर कोई गर्भवती महिला मलेरिया की चपेट में है तो उसके बच्चे में भी यह बीमारी आ सकती है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी मलेरिया होने का खतरा रहता है। बता दें कि भारत में अब पहले जैसे मलेरिया का खतरा नहीं है। मलेरिया के केस और मौतों में कमी आई है लेकिन फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article