होली में केमिकल वाले रंग से हो सकता है फेफड़ों में इंफेक्शन, इस तरह रखें ख्याल
Holi 2024: लोग इस दिन सभी के चेहरों पर रंग लगाते हैं। ऐसे में कई लोग इससे अपने चेहरे और बालों को रंग से बचाने के लिए कुछ उपाय भी करते हैं। अपने फेफड़ों को बचाने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।
Highlights
- होली रंगों का त्योहार है
- केमिकल वाले रंगों से बचें
- फेफड़ों को हो सकता है नुकसान
इन बातों का रखें ध्यान
होली के आने का सभी को इंतजार रहता है। रंगों के त्योहार पर सबसे ज्यादा मस्ती की जाती है। लोग इस दिन सभी के चेहरों पर रंग लगाते हैं। ऐसे में कई लोग इससे अपने चेहरे और बालों को रंग से बचाने के लिए कुछ उपाय भी करते हैं। अपने फेफड़ों को बचाने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। आपको यह जानना चाहिए कि रंग अगर फेफड़ों तक पहुंच जाएं, तो बहुत ही परेशानी कर सकते हैं। हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए फेफड़ों को इन रंगों से बचाया जा सकता है।
अस्तमा के मरीज रहें साबधान
होली का त्योहार खुशियों और गुलाल का त्योहार है लेकिन अस्थमा के मरीजों को कुछ खास बातों का ख्याल रखन चाहिए। खासकर जिन लोगों को सांस की बीमारी की समस्या है जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फिर फेफड़ों की बीमारी है, उन्हें खासकर इस त्योहार में एलर्ट रहना चाहिए।
अपनाएं ये टिप्स
- जिन लोगों को सांस से जुड़ी दिक्कत या बीमारी है उन्हें केमिकल वाले कलर्स और गुलाल के कारण सांस लेने में परेशानी या दिक्कत हो सकती है।
- सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है। कई बार गुलाल और कलर्स के कारण कई लोगों को त्वचा पर एलर्जी, लाल दाने की शिकायत होती है।
- अस्थमा बेहद गंभीर बीमारी है जो फेफड़ों और सांस लेने वाली नली में घातक इंफेक्शन के कारण होती है। इस बीमारी में सांस लेने की नली में सिकुड़न और सूजन दोनों होने लगता हैष। जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में दर्द की समस्या होने लगती है।
- एक रिसर्च के मुताबिक कलर्स और गुलाल के कारण पाउडर के छोटे से कण जो होते हैं वह फेफड़ों में चले जाते हैं। जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके कारण गंभीर सांस की बीमारी शुरू हो सकती है। यही कारण है कि जिन लोगों को सांस से जुड़ी दिक्कत है या अस्थमा की बीमारी है वह फूल वाली होली खेले। कलर्स या गुलाल वह काफी ज्यादा मात्रा में खेलने से बचे।
आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।