IndiaWorldDelhi NCRUttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir BiharOther States
Sports | Other GamesCricket
HoroscopeBollywood KesariSocialWorld CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

कड़वी क्यों होती हैं ज्यादातर दवाईयां? 99% लोगों के पास नहीं है इसका जवाब

08:00 AM Feb 05, 2024 IST
Medicine Taste
Advertisement

Medicine Taste: हमेशा याद रखिये जो कड़वा होता है, वह आपको कभी नुकशान नहीं पहुचाएगा और न ही आपके स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होगाl वैसे ही बीमारियों को दूर करने वाई दवाइयों का स्वाद अक्सर कड़वा होता है। अगर आपके भी मन में यह सवाल है कि आखिर दवा हमेशा कड़वी ही क्यों होती है तो यहां है इसका जवाब।

Highlights

कड़वी दवों से दूर भागते हैं लोग

Medicine Taste: बीमार होने पर लोग दवा (medicine)तो खाते हैं, लेकिन उस दवा का कड़वापन उनकी जुबान पर काफी समय तक बना रहता है। जिसके चलते अधिकतर बच्चे दवाई खाने में आनाकानी करते हैं। इसके अलावा कई बड़े भी इससे परहेज करने लगते हैं। सर्दी हो या खांसी, किसी बीमारी के होने पर दवा खाना जरूरत और मजबूरी है, लेकिन कई बार लोग सोचते हैं कि आखिर दवा कड़वी ही क्यों बनाई जाती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी दवा कड़वी होती हैं, कुछ दवाओं का स्वाद मीठा भी होता है लेकिन ज्यादातर दवाएं कड़वी होती हैं। अगर आप भी कभी-कभी ये सोचते हैं तो चलिए आपको इसकी वजह बता देते हैं।

क्यों कड़वा होता है दवा का स्वाद

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है, कि किसी दवा का स्वाद कड़वा इसलिए होता है क्योंकि उसमें कई तरह के कंपाउंड मिलाए जाते हैं। प्लांट्स कंपाउंड के अलावा कुछ दवाएं फैक्ट्रियों में भी बनती है और इसमें तरह तरह के कैमिकल मिलाए जाते हैं। दवा हनाने के लिए जो कैमिकल इस्तेमाल किया जाता है, वह अपने नेचुरल रूप में कड़वे ही होते हैं। इसलिए दवा का स्वाद भी कड़वा होता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हर दवा कड़वी लगती है। देखा जाए तो हर दवा स्वाभाविक रूप से कड़वी होती है लेकिन कई बार दवाओं में शुगर मिलाई जाती है। कुछ दवाओं पर शुगर कोटिंग की जाती है, जिससे दवा के मु्ंह में जाने पर कड़वापन नहीं महसूस होता है।

कैप्सूल होती है सबसे कड़वी दवा

आपके मन में यह सवाल भी जरूर आता होगा कि जब दवा खाई जा सकती है, तो दवा के कैप्सूल क्यों बनते हैं। इसके पीछे भी एक वजह है। कुछ दवाएं बेहद कड़वी होती हैं। इतनी कड़वी कि अगर उनको मुंह में रखा जाए, तो उसे निगलना भी बेहद मुश्किल होता है।

इसलिए इनको कैप्सूल के फॉर्म में बनाया जाता है। चूंकि कैप्सूल की ऊपरी परत मुलायम जिलेटिन से बनती है और पेट के अंदर जाने पर ये घुल जाता है और दवा पेट में चली जाती है। कैप्सूल के जरिए कड़वी दवा जीभ के संपर्क में नहीं आती और इस तरह कड़वी से कड़वी दवा खाई जा सकती है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article