इस खतरनाक बीमारी से हुई ‘दंगल गर्ल’ सुहानी भटनागर की मौत
Suhani Bhatnagar: हाल ही में ‘दंगल’ फेम छोटी बबीता का किरदार निभाने वाली सुहानी की मौत हो गई है। बता दें सुहानी को डर्मेटोमायोसाइटिस एक दुर्लभ बीमारी थी, लेकिन हर साल इससे पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
Highlights
- दंगल गर्ल' सुहानी की मौत
- सुहानी की मौत से भी को लगा सदमा
- डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी से थी पीड़ित
डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी कितना खतरनाक
बॉलीवुड की चर्चित 'दंगल गर्ल' सुहानी की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक वह डर्मेटोमायोसाइटिस (dermatomyositis) नामक एक दुर्लभ और खतरनाक बीमारी से जूझ रही थीं। जब से सुहानी के मौत की खबर सामने आई है, तब से उनके प्रशंसकों में चिंता की लहर दौड़ गई। डर्मेटोमायोसिटिस एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर की मांसपेशियों में सूजन और कमजोरी लाती है, साथ ही त्वचा पर खास तरह के लाल चकत्ते भी दिखाई देते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह वयस्कों में 40 से 60 वर्ष की उम्र के बीच और बच्चों में 5 से 15 वर्ष की उम्र के बीच देखने को मिलती है। महिलाओं में यह बीमारी पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखी जाती है।
जानें क्या है इलाज?
डर्मेटोमायोसिटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई पूरा इलाज नहीं है, फिर भी इलाज से इसके लक्षणों को बहुत कम किया जा सकता है। इस बीमारी में, व्यक्ति की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। इलाज का मुख्य लक्ष्य होता है इन चकत्तों को ठीक करना और मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाना। इसके लिए डॉक्टर दवाइयां, कुछ खास थेरेपी और कभी-कभी खास तरह का खानपान भी सुझाव देते हैं।
इतने लोगों की होती है मौत
डर्मेटोमायोसाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो शायद ही सुनने में आती है, लेकिन इसका असर काफी गंभीर होता है। यह बीमारी मांसपेशियों में सूजन और कमजोरी लाती है और त्वचा पर चकत्ते बनाती है। इस बीमारी के कारण हर साल हज़ारों लोगों की मौत हो जाती है। हर साल, दुनिया भर में इस बीमारी के कारण कितने लोगों की मौत होती है। यह बहुत ही दुर्लभ है और हर जगह इसकी रिपोर्टिंग और निगरानी अलग-अलग तरह से की जाती है। लेकिन, यह जानना महत्वपूर्ण है कि अगर समय पर उचित उपचार न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
जानें किस अंग को करता है प्रभावित
इस बीमारी के गंभीर मामलों में, जब यह फेफड़ों और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है, तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है। सही इलाज और देखभाल से बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है। इसलिए, इस बीमारी के प्रति जागरूकता और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना जान को बचाने के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।