WHO ने अकेलेपन की समस्या को माना माहमारी, भारत की 20% आबादी इसकी चपेट में
अकेलापन व्यक्ति को अंदर ही अंदर खत्म करने लगता है। जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। दुनिया में आधी से ज्यादा आबादी अकेलेपन का शिकार है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक अकेलापन न सिर्फ व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य बल्कि उसके शारारिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है यह व्यक्ति को दोनों तरफ से कमजोर करता है। यदि व्यक्ति एक लंबी अवधि तक अकेलेपन की समस्या से जूझता है तो इससे वह डिप्रेशन, चिंता और आत्महत्या जैसी समस्याओं से घिर जाता है। अकेलेपन के कारण होने वाली इन सभी समस्याओं पर गौर करते हुए WHO ने अकेलेपन की समस्या को वैश्विक स्वास्थ्य खतरा (Global Health Threat) माना है।
- अकेलापन व्यक्ति के मानसिक और शारारिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
- दुनिया में आधी से ज्यादा आबादी अकेलेपन का शिकार है
- हाल ही में WHO ने अकेलेपन की समस्या को Global Health Threat माना है
- WHO की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के बाद अकेलेपन की समस्या है दूसरी महामारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के बाद बहुत तेजी के साथ युवाओं में अकेलेपन की यह समस्या सामने आ रही है। दुनिया के कई अन्य देशों के अलावा भारत में भी यह बीमारी तेजी से उभर कर सामने आ रही है।
अकेलेपन का खतरा कितना?
हाल ही में आई WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से अकेलेपन का शिकार है तो यह उतना ही हानिकारक होगा जितना किसी व्यक्ति का एक दिन में 15 सिगरेट पीना हानिकारक होता है। अकेलापन न सिर्फ मानसिक रूप से इंसान को बीमार करता है बल्कि बीपी, शुगर और मोटापे जैसी समस्याएं भी इससे होने का खतरा रहता है।
द गार्डियन में में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि, WHO ने जापान देश में एक ऐसे आयोग की शुरुआत कि है जिसमें लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ा जायेगा जिससे उनके बीच सामाजिक संबंधों में सुधार होगा। WHO के द्वारा शुरू किए गए इस आयोग को एक अकेलेपन की समस्या को कम करने के लिए एक अच्छा कदम माना जा रहा है जल्द ही इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।
भारत में अकेलेपन की समस्या कितनी गंभीर
साल 2022 में मई के महीने में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अकेलेपन की समस्या बहुत गंभीर है। भारत में अधिकतर युवा इस बीमारी का शिकार होते हैं। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार भारत में 45 उम्र के लगभग 20.5% वयस्क लोग अकेलेपन से होने वाली बिमारियों का शिकार हैं।
अकेलापन क्यों?
कुछ बड़े मनोचिकित्सकों के अनुसार, आजकल लोगों का ध्यान परिवार से हटकर मोबाइल फ़ोन की तरफ बढ़ा है और नौकरी, काम आदि के सिलसिले में परिवार से दूर होना भी इस समस्या का एक कारण है। डॉक्टर्स के मुताबिक अकेलापन महसूस होने पर सोशल मीडिया से दुरी बनाएं अपने दोस्तों और परिवार से बात करें या संगीत सुनें इसके अलावा आप कला या पेंटिंग भी कर सकते हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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