Breast Cancer से बचने के लिए महिलाएं खुद करें अपने स्तन की जांच , स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया टेस्ट करने का तरीका
Breast Cancer : देश में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महीने में एक बार खुद स्तनों की जांच करने से महिलाओं को इस घातक बीमारी का समय रहते पता लगाने और उपचार के नतीजों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
स्तन कैंसर दुनिया के दूसरे देशों के साथ भारत में भी महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के अनुसार, देश में कैंसर से पीड़ित महिलाओं में 28.2 प्रतिशत स्तन कैंसर की शिकार हैं। वर्ष 2022 तक इसके 2,16,108 मामले होने का अनुमान है।
Highlight :
- ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए महिलाएं खुद से करें जांच
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया जांच करने का तरीका
- इस घातक बीमारी का समय रहते पता लगाने में मिलेगी मदद
जानें, ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट करने का तरीका
राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. गरिमा डागा ने कहा, महिलाओं को सिर्फ सामान्य संकेतों या लक्षणों के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आपको बस महीने में एक बार तीन उंगलियों के प्रयोग से और तीन-चार मिनट का समय देकर यह जांच करनी है। किसी और की जरूरत नहीं है सिर्फ एक शीशा और आपके हाथ। अगर आपको पता है कि आपके स्तन सामान्य रूप से कैसा महसूस करते हैं, तो आप किसी भी बदलाव या असामान्यता को आसानी से पहचान सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर का ये हो सकता है लक्षण
उन्होंने कहा, स्तन स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान आपके स्तनों में किसी भी प्रकार का अंतर संकेत दे सकता है त्वचा के मोटा होना, घाव होना, निप्पल से स्राव होना, या सबसे आम तौर पर स्तन, बाहों के नीचे या निप्पल के नीचे गांठ होना। विशेषज्ञ ने कहा, सबसे आम लक्षण आमतौर पर निप्पल से गांठ या कोई स्राव होता है। इसमें आपको कोई भी रक्तस्राव या हरा साव या कोई गांठ, हो तो उसका विशेष ध्यान रखना है। अतीत में ताहिरा कश्यप और महिमा चौधरी जैसी कई मशहूर भारतीय हस्तियों को स्तन कैंसर हो चुका है और वे इससे उबर भी गई हैं। हाल ही में टेलीविजन अभिनेत्री हिना खान ने स्टेज तीन स्तन कैंसर से पीड़ित होने की घोषणा की है जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है।
पिछले तीन दशकों में तेजी से फैल रहा ब्रेस्ट कैंसर
इसमें चिंता की बात यह है कि जहां कैंसर पहले बुजुर्गों को प्रभावित करता था, पिछले तीन दशकों में यह 40 या 50 वर्ष की आयु के लोगों में तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों ने कहा, स्वस्थ दिखने वाली महिलाओं में भी स्तन कैंसर देखा जा रहा है। इसलिए, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए वजन कम करने, स्वस्थ और संतुलित भोजन खाने और नियमित व्यायाम करने के साथ समय रहते इसका पता लगाना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया, मासिक रूप से स्वयं स्तन परीक्षण करने से शुरुआती चरण में ही इसका पता लगाने में काफी मदद मिलेगी। प्रारंभिक चरण में स्तन कैंसर में दर्द नहीं होता है।
महिलाओं को जागरूक रहने की एक तकनीक
अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, चेन्नई की कंसल्टेंट ऑनकोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जन डॉ. मंजुला राव ने बताया, यह केवल महिलाओं के लिए अपने स्तनों की सामान्य स्थिति के बारे में जागरूक और सचेत रहने की एक तकनीक है ताकि समय रहते इसे पहचाना जा सके और चिकित्सक को दिखाया जा सके। डॉक्टर ने कहा, इससे कैंसर की गांठों का समय रहते पता चल जाता है, जो शुरुआत में काफी छोटी होती है। जल्द ही पता लगने के बाद कम गंभीर उपचार और ब्रेस्ट कंजर्वेशन, ऑन्कोप्लास्टी और सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी जैसी कम नुकसान वाली सर्जरी संभव हो पाती है। उन्होंने सलाह दी कि इसे महिलाओं को महीने में एक बार जरूर करना चहिए। इसका सबसे सही समय आमतौर पर मासिक धर्म के पांच-सात दिन बाद होता है, क्योंकि इस समय स्तन सबसे अधिक कोमल होते हैं। डागा ने कहा कि कैंसर के शुरुआती चरणों में लगभग 90 से 95 प्रतिशत इलाज संभव है। इसलिए, अगर इसका जल्दी पता चल जाए तो यह कैंसर की रोकथाम में मददगार होता है।
(Input From IANS)
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