राहुल गांधी की नागरिकता पर हाई कोर्ट में सुनवाई आज, केंद्र से मांगा गया स्पष्ट जवाब
राहुल गांधी की नागरिकता पर हाई कोर्ट का सख्त रुख
राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हो रही है। याचिका में दावा किया गया है कि राहुल गांधी यूनाइटेड किंगडम के भी नागरिक हैं, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता पर सवाल उठता है। अदालत ने केंद्र सरकार से इस मामले पर स्पष्ट जवाब मांगा है।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में अहम सुनवाई होने जा रही है। अदालत उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती दी गई है और यह दावा किया गया है कि वह यूनाइटेड किंगडम (UK) की भी नागरिकता रखते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि राहुल गांधी दोहरी नागरिकता रखते हैं, तो भारतीय कानून के तहत वह लोकसभा के सदस्य नहीं रह सकते। पिछली सुनवाई में अदालत ने गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया था क्योंकि उसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया था ताकि वह इस सवाल का स्पष्ट उत्तर देने वाली नई रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
याचिका में दोहरी नागरिकता का गंभीर आरोप
याचिकाकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी ने यूनाइटेड किंगडम में एक कंपनी ‘Backops Limited’ के निदेशक और सचिव के रूप में अपने दस्तावेजों में ‘ब्रिटिश नागरिकता’ घोषित की थी। याचिका में कहा गया है कि यह दोहरी नागरिकता की स्थिति बनाता है जो भारतीय संविधान के तहत अवैध है। भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है और यदि यह साबित हो जाता है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं, तो वह संसद सदस्य के पद पर बने रहने के पात्र नहीं होंगे।
गृह मंत्रालय ने मांगा अतिरिक्त समय, अदालत ने तय की 5 मई की तारीख
गृह मंत्रालय की ओर से अदालत को बताया गया था कि वे यूके सरकार से आवश्यक दस्तावेजों और जानकारी एकत्र कर रहे हैं, ताकि राहुल गांधी की नागरिकता की स्थिति की पुष्टि की जा सके। मंत्रालय ने अतिरिक्त समय की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए 5 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय की। अदालत इस बार केंद्र सरकार से स्पष्ट और निर्णायक जवाब की अपेक्षा कर रही है।
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राजनीतिक गलियारों में हलचल, कानूनी और संवैधानिक बहस तेज
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। जहां कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, वहीं भाजपा समर्थक इसे गंभीर संवैधानिक मुद्दा बता रहे हैं। यदि अदालत को केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी से यह साबित होता है कि राहुल गांधी ने कभी विदेशी नागरिकता स्वीकार की थी, तो न सिर्फ उनकी लोकसभा सदस्यता पर संकट आएगा, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक और कानूनी झटका भी हो सकता है। आज की सुनवाई में अदालत का रुख इस पूरे मामले के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। क्या राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवालों का जवाब सरकार स्पष्ट रूप से दे पाएगी? यह देखना अब बाकी है।