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सरोजिनी नगर में 200 झुग्गियों को गिराए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई सोमवार को

उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी के सरोजिनी नगर में लगभग 200 ‘झुग्गियों’ के प्रस्तावित विध्वंस पर अंतरिम रोक लगाने और सरकार की नीति के अनुसार झुग्गी बस्तियों में रहने वालों का पुनर्वास करने तथा उन्हें अन्यत्र बसाने संबंधी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

11:44 PM Apr 24, 2022 IST | Shera Rajput

उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी के सरोजिनी नगर में लगभग 200 ‘झुग्गियों’ के प्रस्तावित विध्वंस पर अंतरिम रोक लगाने और सरकार की नीति के अनुसार झुग्गी बस्तियों में रहने वालों का पुनर्वास करने तथा उन्हें अन्यत्र बसाने संबंधी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

सरोजिनी नगर में 200 झुग्गियों को गिराए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई सोमवार को
उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी के सरोजिनी नगर में लगभग 200 ‘झुग्गियों’ के प्रस्तावित विध्वंस पर अंतरिम रोक लगाने और सरकार की नीति के अनुसार झुग्गी बस्तियों में रहने वालों का पुनर्वास करने तथा उन्हें अन्यत्र बसाने संबंधी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
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न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ झुग्गी निवासी बालिका वैशाली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। वैशाली की 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 26 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। उसने पीठ से अनुरोध किया कि इलाके के घरों को फिलहाल तोड़ा नहीं जाना चाहिए।
झुग्गियों को ध्वस्त करने के आसन्न खतरे के मद्देनजर याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और वकील अमन पंवार की दलीलों पर गौर किया था कि झुग्गियों को ध्वस्त करने के आसन्न खतरे के मद्देनजर याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
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शीर्ष अदालत ने हालांकि, पिछले शुक्रवार को अधिकारियों को सुने बिना स्थगन को बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
झुग्गियों को हटाए जाने के मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम रोक सोमवार को समाप्त हो रही है।
वैशाली के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि झुग्गीवासी 1980 से वहां रह रहे हैं और वे इस स्थल पर किसी भी सरकारी परियोजना को रोकना नहीं चाहते हैं।
अपना पुनर्वास और ‘झुग्गियों’ को अन्यत्र बसाने की कर रहे हैं मांग
हालांकि, झुग्गीवासी प्रस्तावित विध्वंस को स्थगित करने के अलावा, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अपना पुनर्वास और ‘झुग्गियों’ को अन्यत्र बसाने की मांग कर रहे हैं।
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