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Heart beat तेज होकर अचानक से हो जाती है कम, हो सकती हैं ये बीमारियां

01:01 PM Jan 16, 2024 IST | Aastha Paswan
heart beat तेज होकर अचानक से हो जाती है कम  हो सकती हैं ये बीमारियां

Heart Beat: आपके दिल में हो रही किसी भी असामान्य बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बदलाव किसी खतरनाक बीमारी का संकेत होता है।

Highlights

  • Heart beat में बदलाव होने से हो सकती है खतरहाक बीमारियां
  • दिल की धड़कन में तेजी या धीमा होना इन बातों का है संकेत

दिल की धड़कन में बदलाव

हम सभी की दिल की धड़कन यानी हार्ट heart beat सामान्य गति से चलती रहती है। लेकिन कभी-कभी इसमें कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। अचानक बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाना, नियमित न होना या अचानक रुक जाना आदि जैसी चीजे महसूस करना, जब भी ऐसा हो यह एक गंभीर समस्या के संकेत हो सकते है। इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ये दिल की बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

दिल की धड़कन में तेजी या धीमा

जब हमारी दिल की धड़कन की रफ्तार सामान्य से अधिक तेज या धीमी हो जाए, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। आमतौर पर दिल की धड़कन 60 से 100 बार प्रति मिनट की होती है। यदि यह 100 से अधिक हो, या 60 से कम धड़कने लगे तो यह नकारात्मक संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज न होने से खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अपनी heart beat के प्रति Alert रहें।

अनियमित heart beat

अगर हमारी दिल की धड़कन में नियमितता न हो, यानी एक-दूसरे का अंतराल बढ़ जाए  तो यह एक गंभीर समस्या का संकेत है। सामान्य रूप से, हमारी heart beat के बीच का अंतराल समान रहता है। लेकिन कभी-कभी दो धड़कनों के बीच का अंतर अचानक बहुत ज्यादा हो जाता है, फिर कम हो जाता है। ऐसा होना किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है। यह दिल के रोग जैसे – heart attack, दिल की धड़कन न रहना आदि का कारण बन सकता है। जो जानलेवा हो सकते हैं।

heart flutter क्या होता है?

अगर आपको अचानक ऐसा लगता है, कि आपका दिल एक सेकेंड के लिए रुक सा गया हो। यह हार्ट की गंभीर समस्या है, जिसे ‘heart fluttering’ कहते हैं। यह एक ऐसी कंडीशन है, जब दिल की परेशानी की वजह से दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है, और फिर शुरू होती है। इस दौरान हमें एक झटके जैसा अहसास होता है। फ्लटरिंग का मतलब दिल का कमजोर पड़ना है और यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Aastha Paswan

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